Arum Triphyllum – एरम ट्रिफ़ाइलम
एरम ट्रिफाइलम के व्यापक लक्षणों को जानें, जिसमें दर्द सहते हुए भी त्वचा को नोचकर खून निकालने की लगातार इच्छा, भयंकर और जहरीला जुकाम, और वक्ताओं (speakers) तथा गायकों का गला बैठ जाना शामिल है। | Arum Triphyllum |ThinkHomeo
एरम ट्रिफाइलम (Arum Triphyllum), जिसे शलगम से तैयार किया जाता है, एक तीव्र क्रियाशील औषधि है। यह अपनी असामान्य और तीव्र जलन तथा त्वचा को नोचने की बाध्यकारी इच्छा (compulsive desire to pick) के लिए जानी जाती है।
व्यापक-लक्षण तथा मुख्य-रोग (GENERALS AND PARTICULARS):
- लगातार होंठ और नाक को कुरेदने और नोचने की इच्छा (Compulsive picking/boring of lips and nose)।
- भयंकर, जहरीला (corrosive), खुश्क (dry) या बहता हुआ जुकाम (rhinitis)।
- गला बैठ जाना (Hoarseness): गायकों, व्याख्याताओं आदि के लिए।
प्रकृति (MODALITIES)
लक्षणों में वृद्धि (Worse):
- भाषण (Speaking), गायन (Singing) में वृद्धि।
- ठंडक (Cold) से वृद्धि।
- गर्म से ठंडक में आने से वृद्धि।
(1) लगातार होंठ और नाक को कुरेदने और नोचने की इच्छा
- जब किसी भी रोग में होंठ और नाक को लगातार कुरेदने और नोचने की इच्छा हो, नाक में अंगुली (finger) डालकर, कुरेद-कुरेद कर, नोच-नोच कर रोगी खून तक निकाल डाले और फिर भी कुरेदने की इच्छा शान्त न हो, तब यह औषधि काम आती है।
- डॉ० हैरिंग (Dr. Hering) अपनी 'गाइडिंग सिम्पटम्स' (Guiding Symptoms) में लिखते हैं: "होंठ, मुख का खोल तथा नाक आदि की त्वचा छिल जाती है (excoriated), खून निकलने लगता है, रोगी छिली जगह को भी नोचता रहता है, ऐसा करने से उसे दर्द होता है, बच्चा चीखता भी है, परन्तु नोंचने से नहीं रुकता। त्वचा की सतह कच्चे मांस जैसी लाल हो जाती है।
- जब किसी भी रोग में ऐसी हालत हो, रोगी त्वचा को दर्द सहते हुए भी नोचता, छीलता ही चला जाय, तो एरम ट्रिफाइलम देना उचित है। संभव है कि होंठ या नाक में कुछ ऐसी प्रवल खुजली-सी (intense itching) होती हो कि रोगी उस स्थान को नोचने के बिना चैन ही अनुभव न करता हो, होंठ से, नाक से खून बहे और वह फिर भी उस स्थान को छीलता जाय-यह 'विशिष्ट-लक्षण' (Characteristic symptom) है जिधर ध्यान देना चाहिये। टाइफॉयड (Typhoid) में ऐसा नोचना पाया जाता है।
- कभी-कभी रोगी अचेतनावस्था (unconscious state) में नाक में बार-बार अंगुली डालता है और उसे नोचता है-यह लक्षण हेलेबोरस (Helleborus) का है।
- संपूर्ण ज्ञान के साथ नाक में अंगुली डालना और नोचना एरम ट्रिफाइलम का लक्षण है।
- डॉ० नैश (Dr. Nash) का कथन है कि यह लक्षण इतना प्रबल केवल इसी दवा में पाया जाता है।
(2) भयंकर, जहरीला, खुश्क या बहता जुकाम
- इस औषधि में भयंकर जुकाम (severe rhinitis) पाया जाता है। नाक बन्द हो जाती है, खांसकर बायीं नाक (left nostril)।
- रोगी मुख से सांस लेने को बाधित (forced to breathe through mouth) हो जाता है।
- रात को लगातार छींके (continuous sneezing) आती हैं।
- अगर जुकाम खुश्क न होकर बहनेवाला हो, तो नाक का पानी त्वचा (skin) के जिस भाग पर से बहता है वहां लाल निशान (red marks) पड़ जाते हैं।
- नाक को अन्दर से और बाहर से रोगी छीलता जाता है (scratches)।
- नाक से पानी बहने पर भी नाक बन्द रहती है (obstructed)।
(3) गला बैठ जाना
- गायक (singers), व्याख्याता (lecturers), वकील (lawyers) जब 3-4 घंटे बोल कर ठंडे स्थान में जाते हैं, तब हवा के लगने से उनका गला बैठ जाता है (hoarseness/aphonia)।
- एरम ट्रिफाइलम उन्हें अपना काम जारी रखने की सामर्थ्य (ability) प्रदान करता है, गला खुल जाता है।
- रस टॉक्स (Rhus Tox) का व्यक्ति जब बोलने लगता है, तब उसका गला बैठा होता है, परन्तु ज्यों-ज्यों वह बोलता जाता है, गला खुलता जाता है, आवाज स्पष्ट होती जाती है।
- रस टॉक्स (Rhus Tox) की विशेषता ही यह है कि हरकत (motion) से उसे लाभ होता है।
(4) शक्ति
- यह औषधि निम्न-शक्ति (low potency) में नहीं देनी चाहिये और न इसे बार-बार (frequently) देना चाहिये।
- इससे कुफल (bad results) होता है।
- उच्च-शक्ति (high potency) में देने से लाभ होता है। 200 शक्ति दें।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
1. एरम ट्रिफाइलम (Arum Triphyllum) का सबसे विलक्षण-लक्षण क्या है?
इसका सबसे विलक्षण-लक्षण (Characteristic Symptom) है होंठ और नाक को लगातार कुरेदने और नोचने की इच्छा, जिसके कारण रोगी दर्द सहते हुए भी उस स्थान को नोचकर खून (blood) निकाल लेता है।
2. जुकाम के दौरान एरम ट्रिफाइलम की क्या विशेषता है?
जुकाम भयंकर और जहरीला (corrosive) होता है। नाक से बहने वाला पानी त्वचा पर जलन पैदा करता है, और नाक से पानी बहने पर भी नाक बन्द रहती है (obstructed)।
3. क्या एरम ट्रिफाइलम (Arum Triphyllum) और रस टॉक्स (Rhus Tox) में गला बैठने के लक्षण एक जैसे हैं?
नहीं। एरम ट्रिफाइलम में भाषण या गायन (speaking or singing) के बाद ठंडी हवा में जाने से गला बैठता है। रस टॉक्स में बोलना शुरू करने पर गला बैठा होता है, लेकिन बोलते रहने से (motion) गला खुल जाता है।
4. कौन से रोगी अक्सर अचेतनावस्था में नाक कुरेदते हैं?
हेलेबोरस (Helleborus) के रोगी अक्सर अचेतनावस्था (unconscious state) में नाक में अंगुली डालते हैं, जबकि एरम ट्रिफाइलम (Arum Triphyllum) में रोगी संपूर्ण ज्ञान (full consciousness) के साथ नाक नोचता है।