Calcarea Sulphurica – कैलकेरिया सल्फ़्यूरिका
कैलकेरिया सल्फ़्यूरिका त्वचा के संक्रमण और मवाद वाले फोड़े में दी जाती है। यह त्वचा की समस्याओं और मवाद को ठीक करने में सहायक है। Calcarea Sulph शरीर में कहीं भी पस (Pus) बनने, न भरने वाले घाव और फोड़े-फुन्सी की अचूक दवा है। जानें Hepar Sulph से इसकी तुलना, लक्षण और डॉ. केंट व डॉ. नैश के अनुभव।
Calcarea Sulphurica, जिसे संक्षेप में Calc Sulph भी कहा जाता है, होम्योपैथी और बायोकेमिक चिकित्सा जगत में 'पस' (Pus) या मवाद को सुखाने वाली एक प्रमुख औषधि है।
व्यापक-लक्षणों की सूची (List of Generals and Particulars)
- शरीर में कहीं भी पस (Pus) बन जाना।
- जहां Calcarea और Sulphur दोनों के लक्षण मिलते हों।
- Calcarea Sulph और Hepar Sulph की तुलना।
- डॉ. नैश का ब्राइट्स डिजीज (Bright's Disease) में अनुभव।
- डॉ. केंट का बायोकेमिक औषधियों के विषय में अनुभव (उच्च-शक्ति लाभप्रद)।
- शक्ति (Potency) और प्रकृति (Nature - Modalities)।
प्रकृति (MODALITIES)
लक्षणों में कमी (Better - Amelioration):
- ठंडे पानी में स्नान से कमी (Relief from cold bath).
- खुली हवा से रोग में कमी (Relief in open air).
- फोड़े-फुन्सी पर सेक से कमी (Relief from warm application on boils/pimples - जैसा कि मूल पाठ में वर्णित है).
- शरीर पर कपड़ा न चाहना (Desire to be uncovered).
लक्षणों में वृद्धि (Worse - Aggravation):
- स्पर्श न सह सकना (Cannot bear touch).
- नमीदार ठंडी हवा से वृद्धि (Aggravation from damp cold air).
1. शरीर में कहीं भी पस बन जाना (Formation of Pus anywhere in the body)
- शरीर के किसी भी भाग में पस (Pus) या मवाद बन जाना इस औषधि का मुख्य निर्देशक-लक्षण (Guiding Symptom) है।
- जो घाव (Wound) फूट जाए और उसमें से लगातार पीला पस (Yellow Pus) निकलता रहे, तथा उसके भरने (Healing) में देर लगे, तब इस औषधि से लाभ होगा।
- इस दृष्टि से इसके लक्षण डॉ. केंट के अनुसार Pyrogen (पाइरोजेन) औषधि से मिलते-जुलते हैं।
- डॉ. क्लार्क का कहना है कि जब पस अपना मार्ग बनाकर बाहर निकलने लगे, तब इस औषधि का क्षेत्र (Sphere of action) आता है।
2. जहां Calcarea और Sulphur दोनों के लक्षण मिलते हों
- यह औषधि Calcarea तथा Sulphur के रासायनिक मेल से बनी है।
कब दें:
- इसलिए जहां Calcarea तथा Sulphur दोनों औषधियों के लक्षण मिले-जुले पाए जाएं, और चिकित्सक यह निर्णय न कर सके कि दोनों में से कौन-सी औषधि निर्दिष्ट (Indicated) है, वहां इसका प्रयोग किया जाता है।
इतिहास:
- Calcarea Sulph, डॉ. शुस्लर की 12 टिश्यू रेमेडीज (Tissue Remedies) में से एक है।
- परन्तु डॉ. क्लार्क के अनुसार, शुस्लर ने आगे चलकर इसे अपनी 12 दवाइयों की सूची में से इस आधार पर निकाल दिया था कि शरीर के टिश्यू (Tissues) में यह क्षार (Salt) नहीं पाया जाता। इसलिए जिन रोगों में वे पहले Calcarea Sulph देते थे, उनमें बाद में Silicea तथा Natrum Phos देने लगे।
होम्योपैथिक दृष्टिकोण:
- परन्तु होम्योपैथी में इस औषधि का अपना विशेष स्थान है। जैसा ऊपर कहा गया है, जब पस सूखने में न आता हो, तब शक्तिकृत (Potentized) Calcarea Sulph बहुत लाभ करता है।
3. Calcarea Sulph और Hepar Sulph की तुलना
- यह औषधि Hepar Sulph से बहुत मिलती-जुलती है।
- Calcarea Sulph और Hepar Sulph दोनों ही भिन्न-भिन्न प्रकार के 'कैलकेरिया' को 'सल्फ़र' के साथ मिलाने से बने हैं, इसलिए इनकी क्रिया लगभग समान है। फिर भी इनमें सूक्ष्म भेद है:
फोड़ा फूटने से पहले और बाद (Abscess Stages):
- फोड़ा पका कर फोड़ने में जिस प्रकार Hepar Sulph उपयोगी है, उस प्रकार Calcarea Sulph नहीं है। किन्तु, फोड़ा जब फूट जाता है, तब उसमें पस की अधिकता (Excessive Pus) और पस को रोकने के लिए जिस प्रकार Calcarea Sulph उपयोगी है, उस प्रकार Hepar Sulph नहीं।
- आसान शब्दों में, Hepar से जब फोड़ा फूट जाए, उसके बाद Calcarea Sulph लाभ करता है।
ट्यूबरकुलर फोड़े:
- तपेदिक या क्षय रोग से सम्बन्धित ट्यूबरकुलर फोड़ों (Tubercular Abscesses) में भी Calcarea Sulph लाभ देता है।
हवा और स्पर्श (Air and Touch):
- दोनों दवाएं स्पर्श तथा हवा को सहन नहीं करतीं। परन्तु Hepar Sulph खुश्क, ठंडी हवा (Dry Cold Air) को बर्दाश्त नहीं करता, और नमीदार हवा भी नहीं चाहता।
पैर और जलन:
- Hepar के पांव में ठंडा पसीना (Cold Sweat) आता है, जबकि Calcarea Sulph के पांव Sulphur की तरह जलते (Burning sensation) हैं।
कपड़ों के प्रति संवेदनशीलता:
- Hepar यद्यपि अपने घाव पर स्पर्श की असहनशीलता (Intolerance to touch) के कारण पांवों पर कपड़ा बर्दाश्त नहीं कर सकता, तो भी वह शरीर को ढके रखना चाहता है। इसके विपरीत, Calcarea Sulph तो Camphor (कपूर) की तरह शरीर पर कपड़ा बर्दाश्त ही नहीं कर सकता, वह उसे उतार फेंकता है।
दर्द की प्रकृति:
- Hepar के दर्द Nitric Acid की तरह 'फांस की तरह चुभने वाले' (Splinter-like pain) होते हैं, जबकि Calcarea Sulph में ऐसा कोई विशेष लक्षण नहीं है।
Pus (मवाद) की तीन प्रमुख औषधियां: Hepar Sulph, Silicea और Calcarea Sulph में अंतर
होम्योपैथी में फोड़े-फुन्सी (Boils/Abscesses) और पस (Pus) के इलाज के लिए सही दवा का चुनाव 'घाव की अवस्था' (Stage of Wound) पर निर्भर करता है। नीचे दी गई सारणी से आप आसानी से समझ सकते हैं कि किस स्थिति में कौन सी दवा देनी चाहिए।
| लक्षण/आधार (Criteria) | Hepar Sulphuris (हिपर सल्फ़) | Silicea (साइलीशिया) | Calcarea Sulphurica (कैलकेरिया सल्फ़) |
|---|---|---|---|
| मुख्य कार्य (Main Function) | फोड़े को पकाने (Ripen) या जल्दी फोड़ने के लिए। | मवाद को बाहर धकेलने और पुराने घाव को भरने के लिए। | जब फोड़ा फूट चुका हो, लेकिन मवाद सूख न रहा हो। |
| पस की अवस्था (Stage of Pus) | शुरुआती अवस्था: जब पस बन रहा हो और बहुत दर्द हो। | मध्य/अंतिम अवस्था: जब पस गहरा हो, या फिस्टुला (Fistula) बन गया हो। | अंतिम अवस्था: जब पस निकलने का रास्ता बन गया हो (Vent is open), पर बहाव रुक न रहा हो। |
| दर्द की प्रकृति (Nature of Pain) | बहुत तेज, कांटा चुभने जैसा (Splinter-like) दर्द। | सुई चुभने जैसा दर्द, लेकिन हिपर से कम। | जलन (Burning) या टीस मारने वाला दर्द। |
| संवेदनशीलता (Sensitivity) | अत्यधिक संवेदनशील: घाव को हवा या हाथ लगाना बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होता। | ठंड के प्रति संवेदनशील। | स्पर्श के प्रति संवेदनशील, लेकिन रोगी को अपनी त्वचा पर कपड़े का भार पसंद नहीं होता। |
| मवाद का रंग/रूप (Nature of Pus) | गाढ़ा, मलाई जैसा, पुराने पनीर (Old cheese) जैसी गंध। | पतला, पानी जैसा (Watery), और बदबूदार। | गाढ़ा, पीला (Yellow), और थक्केदार (Lumpy)। कभी-कभी खून मिला हुआ। |
| रोगी की तासीर (Thermal Nature) | सर्दी (Chilly): ठंड बिल्कुल बर्दाश्त नहीं, शरीर को ढक कर रखना चाहता है। | सर्दी (Chilly): ठंड लगती है, विशेषकर सिर को गर्म रखना चाहता है। | गर्म (Hot): गर्मी से परेशानी होती है, खुली हवा (Open air) पसंद करता है। |
| विशेष नोट (Key Note) | इसे "होम्योपैथिक नश्तर" (Homeopathic Surgeon's Knife) भी कहा जाता है। | इसे "शरीर से गंदगी बाहर निकालने वाली" दवा माना जाता है। | इसे "पस सुखाने वाली" (Dried up pus) दवा माना जाता है। |
निष्कर्ष (Conclusion): सही दवा कैसे चुनें?
- Hepar Sulph चुनें: यदि फोड़ा बहुत दर्द कर रहा है, छूने नहीं दे रहा, और आप चाहते हैं कि वह जल्दी पक कर फूट जाए।
- Silicea चुनें: यदि फोड़ा फूट चुका है लेकिन पूरी तरह साफ नहीं हुआ है, या घाव बहुत पुराना हो गया है और भर नहीं रहा।
- Calcarea Sulph चुनें: यदि फोड़ा फूट गया है, दर्द कम है, लेकिन उसमें से लगातार पीला मवाद निकल रहा है और घाव सूखने का नाम नहीं ले रहा।
4. डॉ. नैश का ब्राइट्स डिजीज (Bright's Disease) में अनुभव
- डॉ. नैश अपने अनुभव साझा करते हुए लिखते हैं कि उनके पास एक रोगी को लाया गया, जिसके गुर्दे के प्रदेश (Kidney Region) में दिन-रात दर्द रहता था।
लक्षण:
- उसके पेशाब में पस की बहुत-सी मात्रा निकली और यह पस कई दिन तक जारी रहा।
- अन्य डॉक्टरों ने निर्णय दिया कि यह ब्राइट्स डिजीज (गुर्दे की बीमारी/Nephritis) है।
उपचार:
- डॉ. नैश ने 'पस निकलने' के लक्षण पर उसे Calcarea Sulph दिया और रोगी को लाभ हुआ।
निष्कर्ष:
- अगर शरीर के किसी भाग में से पस बहता हो—जो पीला (Yellow), थक्केदार (Lumpy) हो, और ठीक न होता हो—चाहे वह प्रदर (Leucorrhea) हो या मूत्राशय (Bladder) का रोग हो, तब इस औषधि से अवश्य लाभ होगा।
5. डॉ. केंट का अनुभव: उच्च-शक्ति (High Potency) लाभप्रद
- डॉ. केंट का कथन है कि वे देर तक बायोकेमिक दवाओं का 12 शक्ति (Potency) में प्रयोग करते रहे, फिर 30 शक्ति में और बाद में 200 शक्ति में प्रयोग करते रहे।
- उनका अनुभव है कि ये औषधियां 200 शक्ति के ऊपर भी अच्छा काम करती हैं।
जड़ से इलाज:
- उनका यह भी कथन है कि यत्नपूर्वक (Carefully) चुनी हुई दवाएं, अगर उनका क्षेत्र गहरा नहीं है, तो वे थोड़ी देर ही काम करती हैं। रोग को जड़ से निर्मूल (Eradicate) करने के लिए गहरी तथा दीर्घकालिक कार्य करने वाली (Deep and Long acting) औषधियों का प्रयोग करना चाहिए।
एंटी-सोरिक:
- ऐसी औषधियां एंटी-सोरिक (Anti-psoric), एंटी-साइकोटिक (Anti-sycotic) तथा एंटी-सिफलिटिक (Anti-syphilitic) होती हैं।
- चिकित्सक को रोग को देखकर यह निर्णय करना होता है कि इन तीनों प्रकार में से किस औषधि का निर्वाचन (Selection) करे।
- प्रायः अनेक रोगी 'सोरा-दोष' (Psora Miasm) से पीड़ित होते हैं, इसलिए एंटी-सोरिक दवाओं का अधिक प्रयोग करना पड़ता है।
- Sulphur, Psorinum, Tuberculinum आदि एंटी-सोरिक दवाएं ही हैं।
- Calcarea Sulph की गणना भी इन्हीं एंटी-सोरिक दवाओं में होती है।
6. शक्ति तथा प्रकृति (Potency and Nature/Modalities)
- शक्ति (Dosage): 3x, 6x, 12x (बायोकेमिक रूप में), 30, 200 (होम्योपैथिक रूप में)।
- प्रकृति (Nature): औषधि 'गर्म' (Hot) प्रकृति के रोगियों के लिए है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न 1: क्या Calcarea Sulphurica (केलकेरिया सल्फ़्यूरिका) का प्रयोग बिना डॉक्टर की सलाह के किया जा सकता है?
उत्तर: बायोकेमिक 6x शक्ति में इसे सामान्यतः सुरक्षित माना जाता है, लेकिन पस (Pus) या गहरे घाव जैसी स्थितियों में आत्म-चिकित्सा (Self-medication) जोखिम भरी हो सकती है। इसलिए, हमेशा योग्य डॉक्टर की सलाह लेकर ही दवा का सेवन करें।
प्रश्न 2: Hepar Sulph और Calcarea Sulph में सबसे बड़ा अंतर क्या है?
उत्तर: सबसे बड़ा अंतर यह है कि Hepar Sulph का प्रयोग तब किया जाता है जब फोड़ा पका नहीं होता या फूटने वाला होता है (पस निकालने के लिए), जबकि Calcarea Sulph का प्रयोग तब होता है जब फोड़ा फूट चुका हो और पस लगातार बह रहा हो (पस सुखाने के लिए)।
प्रश्न 3: इस दवा का मुख्य लक्षण क्या है?
उत्तर: इसका मुख्य लक्षण है—लगातार बहने वाला पीला और गाढ़ा पस (Thick Yellow Pus), जो जल्दी ठीक नहीं हो रहा हो।