Argentum Nitricum – अर्जेन्टम नाइट्रिकम

संशोधित: 28 December 2025 ThinkHomeo

अर्जेन्टम नाइट्रिकम (Arg Nit) के विशेष लक्षण: प्रत्याशित भय (Anticipatory fear) से दस्त, मीठा खाने की इच्छा पर अपच, ऊँचाई का डर और गर्मी से तकलीफ। जानें इस 'गर्म' (Hot) दवा के उपयोग।

Argentum Nitricum – अर्जेन्टम नाइट्रिकम

अर्जेन्टम नाइट्रिकम (Argentum Nitricum) एक 'गर्म' (Hot) प्रकृति की औषधि है, जो स्नायु-मंडल (Nervous System) की कमजोरी और प्रत्याशित भय (Anticipatory fear) से उत्पन्न लक्षणों के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है।

मुख्य लक्षण तथा रोग (GENERALS AND PARTICULARS):

  1. सूखा हुआ, बुढ़ापे जैसा, झुर्रियोंदार (wrinkled) क्षीण-शरीर (emaciated body), जिसमें नीचे का धड़ (lower half) दुबला होता है।
  2. नीचे से ऊँचे मकानों को और ऊँचाई से नीचे देखने में डर (Fear of heights/looking up at tall buildings)।
  3. किसी बात की इन्तजार (waiting) से घबराहट (anxiety) पैदा होना (Anticipatory fear)।
  4. कहीं जाने की घबराहट में दस्त आ जाना; मानसिक-श्रम से रोग में वृद्धि।
  5. मीठा खाने की चाह परन्तु मीठे से पेट खराब हो जाना; हरे, घास सरीखे दस्त आ जाना।
  6. पेट में हवा का आधिक्य (excessive flatulence); अपचन (indigestion)।
  7. गले में फांस की-सी चुभन (Splinter-like sensation) होना।
  8. सीने-पिरोने से आँख पर बोझ पड़ने से दुखन, आँख के रोग, आँख आना (Conjunctivitis), कुकरे (Trachoma) आदि।

प्रकृति (MODALITIES)

लक्षणों में कमी (Better):

  • ठंडी हवा, ठंडे स्नान से रोग में कमी आना।
  • खुली हवा (open air) से रोग में कमी।

लक्षणों में वृद्धि (Worse):

  • घबराहट, इन्तिजार (waiting) से वृद्धि।
  • मानसिक-कार्य (mental work) से रोग में वृद्धि।
  • मीठा खाने से रोग में वृद्धि।
  • बन्द कमरे में रोग में वृद्धि।
  • भीड़, जमघट (crowd) में रोग में वृद्धि।
  • दायीं करवट लेटने से रोग में वृद्धि।

(1) सूखा हुआ, बुढ़ापे जैसा, झुर्रियोंदार क्षीण-शरीर, नीचे का धड़ दुबला

  • इस दवा का रोगी सूखा हुआ (withered), दुबला-पतला, जवानी में बूढ़े जैसा (prematurely old), क्षीण-शरीर (emaciated body), चेहरे पर झुर्रियां (wrinkles), प्रतिदिन दुबला होता जा रहा होता है। 
  • इस रोगी का निचला धड़ अधिक दुबला हो जाता। 
  • एब्रोटेनम (Abrotanum) में भी नीचे के अंगों का दुबलापन पाया जाता है, परन्तु इस दवा में बच्चा मीठा ज्यादा खाता है।

(2) नीचे से ऊँचे मकानों को और ऊँचाई से नीचे देखने में डर

  • वह व्यक्ति जब सड़कों पर चलता है, तब ऊँचे-ऊँचे मकानों को देखने से घबरा जाता है। शरीर कांपने लगता है (trembling), शरीर से पसीना (sweat) छूटने लगता है। इसी प्रकार जब ऊँची जगह से नीचे देखता है तब भी घबराता है। किसी पुल (bridge) को पार नहीं कर सकता। ऊँची जगह पर बैठे हुए या पुल पार करते हुए सोचने लगता है कि यहाँ से गिर पड़ना (falling down) कितना भयानक होगा। कभी-कभी यह विचार उस पर इतना हावी हो जाता है कि यह सचमुच इस ऊँचाई से नीचे जा गिरता है। 
  • मृत्यु का भय (fear of death) उसे घेरे रहता है। 
  • एकोनाइट (Aconite) में भी यह लक्षण है। एकोनाइट की तरह यह भी अपनी मृत्यु के समय की भविष्यवाणी (prophecy) किया करता है।

(3) किसी बात की इन्तजार से घबराहट पैदा होना (Anticipatory fear)

  • जब कोई काम करना होता है तो जबतक व्यक्ति काम की इन्तजार में रहता है, जब तक काम हो नहीं जाता, तबतक उसका समय मस्तिष्क की कमजोरी (mental weakness) के कारण परेशानी में बीतता है।
  • अगर किसी से मिलने जाना है तो जबतक मिल नहीं लेते तबतक का समय घबराहट में बीतता है। 
  • अगर रेल से यात्रा करनी है तो जबतक रेलगाड़ी में बैठ नहीं जाते तबतक चैन नहीं पड़ती। 
  • घबराहट से पसीना (perspiration) आ जाता है। 
  • परीक्षा के समय विद्यार्थियों को, ज्यों-ज्यों वह निकट आती है, घबराहट बढ़ती जाती है। 
  • यह घबराहट (Anticipatory fear) जेलसीमियम (Gelsemium) और लाइको (Lycopodium) में भी पायी जाती है।

(4) कहीं जाने की घबराहट में दस्त आ जाना; मानसिक-श्रम से रोग

  • अगर उसने कहीं जाना है, किसी शादी-ब्याह में, सिनेमा देखने, मन्दिर में पूजा करने, रोजमर्रा के बिना किसी अन्य काम को उसे करना है, तो भय और चिन्ता उसे इतना व्याकुल कर देती है कि शौच (stool) जाना पड़ता है। 
  • कई लोगों को जब उन्हें व्याख्यान (lecture) देने जाना होता है तब शौच की हाजत हो जाती है, किसी-किसी को दस्त आ जाता है। 
  • ये सब स्नायु-मंडल (Nervous System) की कमजोरी के चिन्ह हैं। 
  • इस औषधि में मानसिक-श्रम (mental exertion) से रोग पाये जाते हैं। 
  • यह दवा व्यापारियों, विद्यार्थियों तथा मानसिक कार्य करने वालों, सिनेमा के एक्टरों (actors) आदि के लिये जिनका मन उत्तेजित (excited) रहता है, उपयुक्त है। 
  • उन्हें सर्वांगीण थकान (general fatigue), कमजोरी, सुन्नपन (numbness), पक्षाघात (paralysis), हृदय की धड़कन, कम्पन (trembling) आदि स्नायविक रोग हो जाते हैं, पेट में गैस (gas) भर जाती है, खाना हजम (digest) नहीं होता।

(5) मीठा खाने को चाह परन्तु मीठे से पेट खराब हो जाना; हरे, घास सरीखे दस्त आ जाना

  • इस रोगी को मीठे की अत्यंत चाह (extreme craving for sweets) होती है, परन्तु मीठा उसे नुकसान (harm) पहुँचाता है। 
  • मीठा खाने से पेट में हवा भर जाती है, ख‌ट्टी डकारें (sour eructations) आने लगती है। 
  • वह मीठे को पचा नहीं सकता, दस्त आने लगते हैं। मीठे का इस रोग पर इतना खराब प्रभाव है कि माता अगर मिठाई की शौकीन होगी, तो उसके दूध से दूध पीते बच्चे को दस्त आने लगेंगे। 
  • अर्जेन्टम नाइट्रिकम, मर्क्यूरियस (Mercurius), कैमोमिला (Chamomilla), और आर्सेनिक (Arsenic) में घास सरीखे हरे दस्त (grass-green stool) आते हैं। 
  • डॉ० कैन्ट (Dr. Kent) का एक प्रसिद्ध किस्सा है जहाँ माँ के मिठाई खाने की आदत के कारण बच्चे के दस्त ठीक नहीं हो रहे थे, और माँ की मिठाई की आदत जानकर बच्चे को अर्जेन्टम नाइट्रिकम देने से वह ठीक हो गया। जब रोगी कहे कि मीठे से उसे दस्त आ जाते हैं या कोई बीमारी हो जाती है, तब यह नहीं समझना चाहिये कि उसका रोग केवल पेट का रोग है। मीठा खाना और उससे अस्वस्थ हो जाना एक 'व्यापक-लक्षण' (General symptom) है, और रोगी की परीक्षा करते हुए दस्तों की तरफ ध्यान न देकर इस सर्वांगीण, व्यापक-लक्षण पर ध्यान देना चाहिये।

(6) पेट में हवा का आधिक्य; अपचन

  • पेट में हवा होना इस औषधि के प्रमुख लक्षणों में है। 
  • पेट में हवा गड़गड़ाती है (gurgling) जिसे रोगी निकाल नहीं पाता। जब अन्त में हवा निकलती है तब बहुतायत (profusely) में निकलती है और निकलते हुए पड़पड़ाहट (loud) का शब्द होता है। हवा से पेट ऐसे फूल जाता है मानो फट जायगा (burst)। 
  • हवा के इस लक्षण के कारण रोगी अपचन (indigestion) का शिकार रहता है। पेट में दर्द होता है। पेट में किसी एक स्थान से उठकर दर्द पेट में चारों तरफ जाता है। यह दर्द धीरे-धीरे से उठता है और धीरे-धीरे ही कम हो जाता है। 
  • प्रायः यह पेट-दर्द आइसक्रीम (Ice Cream) आदि ठंडी वस्तुएं खाने से हुआ करता है। जब यह दर्द बहुत बढ़ जाता है तब रोगी लेसदार श्लेषमा (ropy mucus) की वमन (vomiting) कर देता है। 
  • रोगी को जोर-जोर की डकारें (belching) आती हैं। अगर इन लक्षणों पर यह दवा दी जाय, तो पेट की शोथ (inflammation) तथा पेट का अलसर (Ulcer) भी ठीक हो जाता है।

(7) गले में फांस की-सी चुभन

  • इस औषधि में गले की शोथ (sore throat) के लक्षण के साथ निगलते समय (while swallowing) गले में फांस की-सी चुभन (sensation of a splinter) का होना पाया जाता है।
  •  यह लक्षण हिपर (Hepar Sulph) तथा नाइट्रिक ऐसिड (Nitric Acid) में भी है। अर्जेन्टम नाइट्रिकम (Argentum Nitricum) ऊष्णता-प्रधान (Hot-predominant) है, ठंडा कमरा, ठंडी हवा पसन्द करता है। गले में ऐसी चुभन होती है जैसे मछली की हड्डी (fish bone) अटकी हो। अगर गले में पुराना अलसर (chronic ulcer) हो, तो अर्जेन्टम नाइट्रिकम बहुत उपयोगी औषधि है।

(8) सिलाई के कार्य में आँख पर बोझ पड़ने से दुखन, आँख के रोग, आँख आना, कुकरे आदि

  • स्त्रियां सिलाई करने (sewing) में आँख पर बहुत जोर देती हैं, इससे आँख पर बोझ (strain) पड़ता है, दुखन (pain) होने लगती है। छोटे-छोटे बारीक अक्षरों को पढ़ने से भी आँखें थक जाती हैं। ऐसी अवस्था में इस औषधि से लाभ होता है। 
  • रोगी पढ़ते समय पुस्तक को पास से न देखकर बूढ़ों की तरह दूर से (like old people) ठीक देख सकता है। 
  • आँख आ जाने (acute conjunctivitis) में यह सबसे बड़ा लाभ करती है, जब आँख लाल हो जाती है और उसमें से गीद (discharge) इकट्ठी होकर निकलने लगती है। आँख की भीतरी सूजन (internal inflammation), जबरदस्त लाली (intense redness), आँख से पस (pus) का प्रवाह, आँख में धुंध (mistiness) का आ जाना-किसी प्रकार के भी आँख से कष्ट में इस दवा से तुरन्त लाभ होता है।
  • एलोपैथ आँख के कुकरों (Trachoma) को सिलवर नाइट्रेट (Silver Nitrate) से जला देते हैं, परन्तु इससे रोग ठीक नहीं होता, ऐसे रोगियों को शक्तिकृत (potentized) इस दवा की कुछ मात्रायें देने से रोग समूल नष्ट (completely eradicated) हो जाता है।

आँख आने में अन्य दवाओं से तुलना:

💡बेलाडोना (Belladonna): आँख की सुर्खी (redness) बहुत स्पष्ट, बिल्कुल लाल होती है, जबकि अर्जेन्टम नाइट्रिकम की सुर्खी में आँख की सफेदी पर दाने-दाने (granulations) पाए जाते हैं।

💡अर्जेन्टम नाइट्रिकम और पल्स (Pulsatilla): दोनों में आँख पर ठंडक से आराम मिलता है, दोनों में आँख से गाढ़ा मवाद निकलता है।

💡रस टॉक्स (Rhus Tox): आँख की सूजन में आँखें बन्द रहती हैं, पलकों को दबाकर खोलने से गर्म पानी (hot water) निकलता है।

💡मर्क सॉल (Merc Sol): आँख आने में गर्म सेक (warm application) से आराम मिलता है।

(9) दायीं करवट लेटने में धड़कन

  • ऐसी दवायें तो अनेक हैं जिनमें बायीं करवट लेटने में रोगी को कष्ट अनुभव होता है (जैसे फॉसफोरस - Phosphorus), परन्तु ऐसी दवायें गिनी-चुनी हैं जिनमें दायीं तरफ लेटने से (lying on the right side) रोगी धड़कन (palpitation) अनुभव करे। 
  • अर्जेन्टम नाइट्रिकम में यह 'विलक्षण-लक्षण' (Strange, rare, peculiar symptom) पाया जाता है। रोगी कहता है कि जब वह दाईं करवट लेटता है तब सिर से पैर तक धड़कन होने लगती है। 
  • यह लक्षण एलूमेन (Alumen), बैडियागा (Badiaga) आदि में भी है।

(10) गायकों का गला बैठना और गले में दर्द

  • गला बैठ जाना और गायकों का इस वजह से गा न सकना अर्जेन्टम मेटैलिकम (Argentum Metallicum) का अधिक प्रयोग किया जाता है।  (नोट: यह बिंदु मूल रूप से तुलनात्मक है, लेकिन यह लक्षण दोनों में पाया जाता है।)

(11) पल्सेटिला की तरह ऊष्णता प्रधान रोगी है

  • अर्जेन्टम मेटैलिकम (Argentum Metallicum) शीत-प्रधान (Chilly-predominant) है और अर्जेन्टम नाइट्रिकम (Argentum Nitricum) ऊष्णता-प्रधान (Hot-predominant) है। 
  • यह औषधि पल्सेटिला (Pulsatilla) की तरह ठंडी हवा पसन्द करती है। ठंडा पानी, आइसक्रीम की शौकीन! गर्म कमरे में दम घुटता है (suffocates), दरवाजे और खिड़‌कियाँ खोल देने को जी चाहता है। सभा सोसाइटी में जहां भीड़-भड़क्का (crowd) हो, सांस लेना कठिन हो, वहां यह रोगी नहीं जा सकता।

(12) इस औषधि के अन्य लक्षण

🔹i. चक्कर (Vertigo): ऊँची अट्टालिकाओं (tall buildings) को देखने से चक्कर आ जाता है, रोगी कमज़ोरी (weakness) अनुभव करता है, और कांपता है (trembles)। 

🔹ii. अधसीसी दर्द (Hemicrania): अधसीसी के दर्द के लिये यह अत्युत्तम औषधि है। रोगी यह अनुभव करता है कि सिर फैल गया है, बहुत ज्यादा बड़ा हो गया है (enlarged)। सिर को लपेटने से रोगी को आराम मिलता है। 

🔹iii. रोगी अनुभव करता है कि हर बात में देरी हो रही है (delay)। सब काम जल्दी-जल्दी (quickly) करना चाहता है। चलने में चलने की जगह भागा जाता है। 

🔹iv. दिन-रात मूत्र यूं ही निकलता रहता है (involuntary urine flow), कॉस्टिकम (Causticum) में भी यह लक्षण है। 

🔹v. संभोग (coitus) के समय उत्तेजना (erection) जाती रहती हैएनस (Onosmodium), कलैडियम (Caladium), सिलेनियम (Selenium) में भी ये लक्षण हैं।

(13) शक्ति और प्रकृति

  • 3, 30, 200 (शक्ति - potency)
  • शिशु की आँख आने में 200 या 1000 शक्ति की मात्रा पानी में डाल कर आँख के ऊपर बाहर से रूई में भिगो कर लगाने से लाभ होता है जब कि एलोपैथिक सिलवर नाइट्रेट (Silver Nitrate) से भी लाभ न होता हो। 
  • औषधि 'गर्म' (Hot-प्रकृति) के लिये हैं।

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. अर्जेन्टम नाइट्रिकम के रोगी में घबराहट (Anxiety) किस प्रकार प्रकट होती है? 

रोगी में प्रत्याशित भय (Anticipatory fear) पाया जाता है, यानी किसी भी काम (जैसे यात्रा, मीटिंग या व्याख्यान) की इन्तजार (waiting) से घबराहट होती है, जिसके कारण अक्सर दस्त (diarrhea) आ जाते हैं।

Q2. मीठे (Sweets) के प्रति इस दवा के रोगी का क्या अनोखा संबंध है? 

रोगी को मीठा खाने की तीव्र चाहत (extreme craving) होती है, लेकिन मीठा खाने से उसे अपचन (indigestion), पेट में गैस, और हरे दस्त (green stool) जैसी शिकायतें शुरू हो जाती हैं।

Q3. हृदय (Heart) से संबंधित इसका विलक्षण-लक्षण (Peculiar Symptom) क्या है? 

इस दवा का सबसे विलक्षण-लक्षण यह है कि रोगी को दायीं करवट लेटने (lying on the right side) पर धड़कन (palpitation) महसूस होती है, जबकि अधिकांश रोगी बायीं करवट लेटने से असहज होते हैं।

Q4. अर्जेन्टम नाइट्रिकम 'ऊष्णता प्रधान' (Hot-predominant) दवा क्यों है? 

इसे 'ऊष्णता प्रधान' माना जाता है क्योंकि रोगी को गर्म कमरे या भीड़-भाड़ (crowd) में तकलीफ बढ़ती है, और उसे ठंडी हवा या ठंडे स्नान से आराम (better) मिलता है।

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