Berberis Vulgaris – बरबेरिस वलगैरिस
बरबेरिस वलगैरिस: गुर्दे, पित्त की पथरी, जोड़ों के दर्द और यूरिक एसिड के लिए होम्योपैथिक दवा है। यह औषधि उस स्थिति में अत्यंत उपयुक्त है जहाँ दर्द किसी केन्द्र बिंदु से पूरे शरीर में चारों ओर फैलता है।
बरबेरिस वलगैरिस (Berberis Vulgaris) एक महत्त्वपूर्ण होम्योपैथिक औषधि है, जिसका मुख्य प्रभाव गुर्दे (Kidneys), मूत्र-प्रणाली (Urinary System), जिगर (Liver) और जोड़ों (Joints) पर होता है। यह औषधि उस स्थिति में अत्यंत उपयुक्त है जहाँ दर्द किसी केन्द्र बिंदु से पूरे शरीर में चारों ओर फैलता है।
मुख्य लक्षण तथा रोग (GENERALS AND PARTICULARS):
- दर्द का किसी केन्द्र-स्थल से चारों तरफ फैलना (Pain radiating from a central point)।
- गुर्दे का दर्द (Renal colic)।
- पित्त-पथरी का दर्द (Gall-stone colic)।
- गठिये का चलता-फिरता दर्द (Shifting/Wandering Gout/Rheumatism)।
- कमर का दर्द (Backache)।
प्रकृति (MODALITIES)
लक्षणों में कमी (Better):
- गर्मी से रोग में कमी।
- अधिक मात्रा में मूत्र आने से रोग में कमी।
लक्षणों में वृद्धि (Worse):
- पेशाब करते समय वृद्धि।
- थकावट से रोग का बढ़ना।
- हरकत से रोग का बढ़ना।
- बैठने के बाद उठने से बढ़ना।
- सर्दी, खुली हवा से बढ़ना।
- बदलते मौसम से रोग बढ़ना।
(1) दर्द का किसी केन्द्र-स्थल से चारों तरफ फैलना (Pain radiating from a central point) -
- यह इसका मुख्य लक्षण है जो इसी दवा में पाया जाता है। पथरी (Calculi/Stones) हो या गठिया (Gout/Rheumatism) - पथरी में दर्द गुर्दे (Kidney) से, विशेषकर बांये गुर्दे (Left Kidney) से उठकर मूत्राशय (Bladder), मूत्रनली (Ureter) आदि सब जगह फैल जाएगा; गठिये में किसी एक जोड़ में दर्द ठहरा होगा परन्तु वहाँ से चारों तरफ फैल रहा होगा।
- बरबेरिस पथरी तथा गठिये की दवा इसी लक्षण पर है क्योंकि पथरी में गुर्दे से दर्द चारों तरफ फैल जाता है।
- गठिये में यह दवा ऐसे गठिये के लिए है जिसमें दर्द किसी एक जोड़ पर ठहरा हुआ वहाँ से चारों तरफ फैल रहा होता है।
- बरबेरिस के दर्द की विशेषता यह है कि यह दर्द किसी एक दिशा में नहीं जाता, चारों तरफ फैलता है।
(2) गुर्दे का दर्द (Renal Colic) -
- गुर्दे में छोटी-छोटी पथरियां (Stones) बन जाती हैं और उनमें से कोई छोटी-सी पथरी, गुर्दे से मूत्राशय तक मूत्र ले जाने वाली प्रणालिका (Duct/Ureter) से होती हुई, मूत्राशय की तरफ चल देती है। इस प्रणालिका में से गुजरती हुई वह बेहद दर्द पैदा कर देती है। उस समय गुर्दे से दर्द उठकर चारों तरफ फैल जाता है। दर्द एक ओर गुर्दे की तरफ और दूसरी ओर मूत्राशय, मूत्र-नली की तरफ जाता है, अंडकोश (Testicles) तक पहुँच सकता है। ऐसी अवस्था में बरबेरिस आश्चर्यजनक तौर पर पथरी को निकाल कर दर्द को शान्त कर देता है।
- इस दर्द का लक्षण है: पथरी के केन्द्र-स्थल से उठकर दर्द का चारों तरफ फैल जाना।
- गुर्दे के दर्द में सारसापैरिला (Sarsaparilla) भी उत्तम औषधि है।
(3) पित्त-पथरी का दर्द (Gall-stone Colic) -
- पित्त-पथरी में भी यही लक्षण होने पर बरबेरिस इस दर्द का शमन कर देता है। यह दर्द भी पीठ में किसी एक स्थल को केन्द्र बनाकर उठता है और चारों तरफ फैल जाता है।
(4) गठिये का चलता-फिरता दर्द (Shifting/Wandering Gout/Rheumatism) -
- गठिये में बेनज़ोइक ऐसिड (Benzoic Acid) तथा बरबेरिस में बहुत समानता है। दोनों में यूरिक ऐसिड (Uric Acid) उँगलियों की गांठों में बैठ जाता है, परन्तु शिकायत सारे शरीर में चक्कर काट रही होती है। स्नायु-रज्जुओं (Tendons/Ligaments) में दर्द घूमा करती है। उँगलियों तथा अंगूठों में बैठे-बैठे यकायक दर्द हुआ करती है।
- गठिये के रोग में गुर्दे, जिगर (Liver) और हृदय पर भी कुछ-न-कुछ असर पहुँच जाया करता है।
- जहाँ तक गुर्दे का संबंध है, गठिये की शिकायत में कभी पेशाब ज्यादा आने लगता है, कभी कम हो जाता है, हल्का पेशाब, भारी रंगदार पेशाब। ऐसी अवस्था बेनज़ोइक ऐसिड तथा बरबेरिस दोनों में पायी जाती है।
- जहाँ तक बरबेरिस का प्रश्न है इसमें शरीर के किसी भी हिस्से में काटने का-सा दर्द (cutting pain) हो सकता है, परन्तु यह दर्द स्थान बदलता रहता है (shifting/wandering)।
- जब बरबेरिस का रोगी बैठने लगेगा तब कमर के दर्द के मारे कहेगा - 'ओह!' कुछ देर बाद कहेगा घुटने में दर्द हो रहा है, फिर अंगूठे में, फिर सिर में - कभी यहाँ, कभी वहाँ, सारे शरीर में दर्द भ्रमण किया करता है। इस अवस्था के देर तक चलते रहने पर यूरिक एसिड के तलछट (deposits) उँगलियों में बैठ जाते हैं और रोगी की उँगलियाँ छूने से भी दर्द किया करती हैं।
- जब रोग अंग-विशेष में बैठ जाता है, तब इस रोग की औषधि का निर्वाचन लीडम (Ledum), सल्फर (Sulphur), ऐस्क्यूलस (Aesculus) तथा लाइकोपोडियम (Lycopodium) में से करना होगा क्योंकि बरबेरिस की हालत में तो दर्द घूमा करता है, किसी अंग-विशेष में ठहर नहीं जाता।
- चलता-फिरता दर्द इस औषधि की विशेषता है।
(5) कमर का दर्द (Backache) -
- कमर का दर्द इस औषधि की विशेषता है। बैठी हुई हालत से उठने पर उसे विशेष दर्द होता है।
- रोगी को ऐसा लगता है कि कमर अकड़ गई है (stiffness), सुन्न हो गई है (numbness)।
- रस टॉक्स (Rhus Tox) में भी यह लक्षण है।
(6) इस औषधि के अन्य लक्षण -
i. सिर में सुन्नपन (Numbness in head) -
- इसका एक विलक्षण लक्षण यह है कि रोगी अनुभव करता है कि सिर बड़ा हो गया है। हर समय सिर पर ऐसे हाथ फेरता है मानो सिर पर से टोपी उतार रहा हो। सिर पर टोपी नहीं होती, परन्तु उसे ऐसे लगता है जैसे सिर पर टोपी चढ़ी हो। कई रोगी कहा करते हैं कि उन्हें सिर में सुन्नपन अनुभव होता है। सुन्नपन हो या सिर पर टोपी ओढ़ने का अनुभव हो - ये लक्षण बरबेरिस के हैं।
ii. गुर्दे में बुलबुला उठना (Bubbling sensation in kidneys) -
- गुर्दे के स्थान में बुलबुला-सा उठने के समान बजबजाहट (gurgling/bubbling sensation) अनुभव करना भी इसका एक विशिष्ट लक्षण है।
iii. फिस्टुला (Fistula) के ऑपरेशन के बाद रोग होना -
- कभी-कभी मल-द्वार (Anus) के फिस्टुला के ऑपरेशन के बाद गुर्दे, जिगर या हृदय के रोग के लक्षण प्रकट होने लगते हैं। अगर इस समय चलते-फिरते दर्द उत्पन्न हो जाए, तो भले ही किसी अंग का रोग बरबेरिस से ठीक हो जाएगा।
iv. आँख से दर्द का भिन्न दिशाओं में जाना (Radiating eye pain) -
- कभी-कभी आँख पर भी गठिये का दर्द आक्रमण कर देता है।
- आँख से दर्द भिन्न-भिन्न दिशाओं को जाता है।
- जैसा हम पहले लिख चुके हैं बरबेरिस के दर्द की यह विशेषता है कि यह दर्द किसी एक दिशा की तरफ नहीं जाता, चारों तरफ फैलता है।
(7) शक्ति (Potency) -
- मूल-अर्क (Mother Tincture), 3, 6, 30।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. बरबेरिस वलगैरिस (Berberis Vulgaris) का मुख्य लक्षण क्या है?
इसका मुख्य लक्षण दर्द का किसी केन्द्र-स्थल से चारों तरफ फैलना (Pain radiating from a central point) है, चाहे वह गुर्दे की पथरी का दर्द हो या गठिया का दर्द।
Q2. यह दवा गुर्दे की पथरी (Kidney Stones) में कैसे काम करती है?
बरबेरिस वलगैरिस गुर्दे में बनने वाली पथरियों, खासकर बांये गुर्दे की पथरी के कारण होने वाले दर्द को कम करती है और पथरी को बाहर निकालने में मदद करती है, जब दर्द गुर्दे से उठकर मूत्राशय, मूत्रनली और अंडकोश तक फैलता हो।
Q3. क्या बरबेरिस वलगैरिस (Berberis Vulgaris) गठिया (Gout/Rheumatism) में भी उपयोगी है?
हाँ, यह उन गठिया के रोगियों के लिए बहुत उपयोगी है जिनका दर्द चलता-फिरता (shifting/wandering) रहता है, यानी कभी कमर में, कभी घुटने में, कभी अंगूठे में होता है, और यह अक्सर यूरिक एसिड (Uric Acid) के जमाव से जुड़ा होता है।
Q4. इस दवा का कमर दर्द (Backache) पर क्या प्रभाव है?
बरबेरिस वलगैरिस कमर दर्द में विशेष रूप से सहायक है, खासकर जब बैठी हुई हालत से उठने पर दर्द बढ़ता हो और कमर में अकड़न (stiffness) या सुन्नपन (numbness) महसूस होता हो।
Q5. बरबेरिस वलगैरिस (Berberis Vulgaris) के रोगी को किन चीजों से आराम मिलता है या किनसे तकलीफ बढ़ती है?
रोगी को गर्मी और अधिक मात्रा में मूत्र आने से आराम मिलता है, जबकि पेशाब करते समय, थकावट से, हरकत से, बैठने के बाद उठने से, सर्दी, खुली हवा और बदलते मौसम से लक्षणों में वृद्धि होती है।