Ammonium Carbonicum – ऐमोनियम कार्बोनिकम
ऐमोनियम कार्बोनिकम (Ammonium Carbonicum) के उपयोग, लक्षण, मासिक धर्म समस्याओं, श्वास-कष्ट और अन्य होम्योपैथिक संकेतों की पूरी जानकारी। जानें इसकी खुराक, शक्ति (Potency) और प्राकृतिक गुण।
ऐमोनियम कार्बोनिकम (Ammonium Carbonicum) एक दीर्घकालिक (long-term) एण्टीसोरिक दवा (Antipsoric Medicine) है, जो विशेष रूप से स्थूल-काय (Obese) और शीत-प्रधान (Cold-prone) व्यक्तियों की समस्याओं को संबोधित करती है।
मुख्य लक्षण तथा रोग (GENERALS AND PARTICULARS):
- स्थूल-काय (Obese) स्त्रियाँ जिन्हें ऐमोनियम कार्ब (Ammonia Carbonicum) सूंघने की आदत पड़ जाती है।
- दमेवाला श्वास-कष्ट (Dyspnea with Asthma): शीत-प्रधान (Cold-prone) रोगी दमे के कष्ट में भी ठंडी हवा चाहता है।
- कफ (Phlegm) के कारण श्वास-कष्ट (Dyspnea)।
- इन्फ्लुएंज़ा (Influenza) के बाद की बची खाँसी (Remaining Cough)।
- ऐमोनियम कार्ब (Ammonia Carbonicum) के स्राव (Discharges) तीखे और लगने वाले होते हैं।
- रज-काल (Menstruation) में जननांगों की भीतरी दुखन (Internal Soreness of Genitalia)।
- मासिक-धर्म (Menstruation) जल्दी, बहुत अधिक खून, काला खून तथा खून के थक्के (Clots) होना।
- रजोधर्म (Menstruation) होने से पहले दिन हैजे (Diarrhea)-के-से दस्त; रजोधर्म के दिनों में बढ़ना।
- प्रातःकाल 3 बजे रोग का बढ़ना।
- लैकेसिस (Lachesis) तथा ऐमोनियम कार्ब (Ammonia Carbonicum) का संबंध।
रोग वृद्धि/कमी के कारण (MODALITIES)
लक्षणों में कमी (Better):
- दबाने से रोग में कमी।
- पेट पर लेटने से कमी।
- पीड़ा-ग्रस्त अंग की तरफ लेटने से रोग में कमी।
लक्षणों में वृद्धि (Worse):
- ठंड, नमी या बदली वाले दिन रोग का बढ़ना।
- खुली हवा से रोग बढ़ना।
- प्रातः 3–4 बजे रोग का बढ़ना।
- स्नान से रोग का बढ़ना।
- सोने के बाद रोग बढ़ना।
- रजोधर्म के दिनों में बढ़ना।
1. स्थूल-काय (Obese) स्त्रियाँ जिन्हें ऐमोनियम कार्ब (Ammonia Carbonicum) सूंघने की आदत पड़ जाती है
- एलोपैथ उन रोगियों को, जिन्हें हृदय (Heart) के रोग के कारण श्वास-कष्ट (Dyspnea) प्रतीत होता है, सूंघने के लिए क्रूड ऐमोनियम कार्ब (Crude Ammonia Carbonicum) दिया करते हैं। प्रायः स्त्रियाँ ऐमोनियम कार्ब (Ammonia Carbonicum) की बोतल पास रखती हैं और श्वास-कष्ट (Dyspnea) में इसे सूंघा करती हैं।
- अत्यन्त कमजोरी (Weakness), कठिन श्वास (Severe Dyspnea), ऐसा लगता है कि हृदय (Heart) काम नहीं करेगा। रोगी हृदय की धड़कन (Heartbeat) से बिस्तर पर लेटा रहता है और जरा भी हिलने-डुलने में उसे सांस लेने में कष्ट (Difficulty in Breathing) होता है। असल में उसे और कुछ नहीं — केवल कमजोरी (Weakness) होती है; किसी दवा (medicine) से लाभ प्रतीत नहीं होता। औषधियों (Medicines) की प्रतिक्रिया दिखाई नहीं पड़ती। ऐसे रोगियों को प्रायः आराम करने को कहा जाता है।
- डॉ० केन्ट (Dr. Kent) ने ऐसी एक रोगिणी का जिक्र किया है जो कभी एक विशेषज्ञ के पास, कभी दूसरे विशेषज्ञ के पास टक्करें खाती रही। उसे शक्तिकृत ऐमोनियम कार्ब (Potentized Ammonia Carbonicum) की एक मात्रा ने ही स्वस्थ कर दिया।
- डॉ० गुएरेन्सी (Dr. Guernsey) लिखते हैं कि यह औषधि उन स्त्रियों (Women) के लिए बहुत उपयोगी है जो कफ-प्रकृति (Phlegmatic) की होती हैं, स्थूल-काय (Obese), कमजोर (Weak), जरा-सी देर में बेहोश हो जाने वाली, जिन्हें अपने को सचेत रखने के लिए ऐमोनियम कार्ब (Ammonia Carbonicum), कैम्फर (Camphor), कस्तूरी (Musk) सूंघनी पड़ती है या अलकोहल (Alcohol) लेना पड़ता है।
2. दमेवाला श्वास-कष्ट (Asthmatic Dyspnea)
- शीत-प्रधान (Cold-prone) रोगी दमे के कष्ट में भी ठंडी हवा चाहता है,
- इस रोगी के दमे का विलक्षण (Peculiar) लक्षण यह है कि अगर कमरा गर्म हो तो भी श्वास-कष्ट (Dyspnea) बढ़ जाता है। मालूम होता है गला घुट जाएगा, मानो हवा के अभाव में रोगी मर जाएगा। वह शान्ति के लिए ठंडी हवा में जाता है।
ध्यान देने योग्य बात: गर्म हवा में श्वास-कष्ट (Dyspnea) बढ़ जाता है; परन्तु रोगी अपनी प्रकृति और शारीरिक अनुभूति से ठंड से डरता है, परन्तु दमे में गर्मी से डरता है। शरीर की अन्य शिकायतें, सिरदर्द (Headache) तो ठंड से कष्ट पाती हैं; परन्तु श्वास-कष्ट (Dyspnea) में रोगी ठंडी हवा में अपने को अच्छा अनुभव करता है।
3. कफ (Phlegm) के कारण श्वास-कष्ट (Dyspnea)
- इस औषधि में कफ (Phlegm) के लक्षण बहुत पाए जाते हैं। छाती (Chest) में और श्वास-प्रणालियों (Respiratory Tracts) में कफ खड़कता है। इसी कफ के अटकने के कारण सांस लेने में भारीपन अनुभव होता है।
- छाती (Chest) में इतना कफ भर जाता है कि निकलता ही नहीं। क्षय रोग (Tuberculosis) की अन्तिम अवस्था में जब फेफड़े (Lungs) कफ से भर जाते हैं, यह औषधि कष्ट (Difficulty) को कुछ कम कर देती है।
- छाती में कफ भर जाना स्टैनम (Stannum) की तहर का इसमें भी होता है। रोगी इतना कमजोर होता है कि जोस से खांस ही नहीं सकता, एन्टिम टार्ट (Antim Tart) की तरह कफ बाहर निकल ही नहीं सकता। रोगी ठंड सहन नहीं कर सकता, ठंडी हवा में घूमना चाहता है।
4. इन्फ्लुएंज़ा (Influenza) के बाद बची हुई खाँसी (Remaining Cough)
- डॉ० यूनान (Dr. Yunan) ने लिखा है कि उन्हें इन्फ्लुएंज़ा (Influenza) हुआ और उसके बाद जो बची हुई खाँसी (Remaining Cough) थी वह किसी दवा से ठीक नहीं हुई। साधारणतः ब्रायोनिया (Bryonia) से उसे ठीक हो जाना चाहिए था, परन्तु वह भी काम नहीं कर रहा था। कई रात उन्होंने बेचैनी से काटी। उसके बाद उन्होंने ऐमोनियम कार्ब 200 (Ammonia Carbonicum 200) की एक मात्रा ली, जिससे सब रोग एकदम शान्त हो गया।
- वे लिखते हैं कि इस अनुभव के बाद इन्फ्लुएंज़ा से बची हुई खाँसी में वे सदा इस औषधि का प्रयोग करते और उन्हें सदा सफलता मिली।
5. ऐमोनियम कार्ब (Ammonia Carbonicum) के स्राव (Discharges) तीखे और लगने वाले होते हैं
- ऐमोनियम कार्ब के सभी प्रकार के स्राव (Discharges) तीखे, लगने वाले और खाल को छील देने वाले (Excoriating) होते हैं।
- नाक से जो पानी बहता है उससे होंठ (Lips) छिल जाते हैं;
- मुख का लार होंठ को बीच में से काट डालता है, होंठों के दोनों सिरे छिल जाते हैं। रोगी होंठों की त्वचा को छीलता रहता है; वे सूखे और छिलकेदार रहते हैं।
- आँख (Eyes) के पानी से जलन होती है, मानो छिल रही हों।
- स्त्री के गुह्यांग (Female Genitalia) में भी दुखन लगती है, मानो पक रहे हों। यह भी वहाँ के स्राव के लगने के कारण होता है।
- अगर शरीर पर कोई घाव हो जाता है तो उसमें से भी लगने वाला स्राव बहता है। यह Excoriation (त्वचा को छीलना) इस औषधि के स्रावों की विशेषता है।
6. रजःकाल (Menstruation) में जननांगों की आभ्यन्तरिक दुखन (Internal Soreness of Genitalia)
- स्त्री का संपूर्ण आभ्यन्तरिक जननांग (internal genitalia) दुखने लगता है; ऐसा लगता है जैसे जननांगों के भीतर गहरी दुखन है। यह दुखन केवल स्पर्श-असहिष्णुता (intolerance to touch) नहीं है; बिना स्पर्श के भी आन्तरिक स्रावों से दुखन बनी रहती है।
- रजःकाल (Menstruation) में यह आभ्यन्तरिक दुखन बढ़ जाती है। जब तक रजोधर्म (Menstrual Flow) होता है तब तक भीतर के जननांग दुखते रहते हैं।
7. मासिक-धर्म (Menstruation) जल्दी, बहुत अधिक खून, काला खून, खून के थक्के (Clots)
- इस औषधि में लगने वाले स्राव और जननांगों की दुखन के कारण सूजन होती है।
- मासिक-धर्म (Menstruation) जल्दी और बहुत अधिक खून जाता है; खून का रंग काला होता है, खून के थक्के-के-थक्के (clots) जाते हैं, और खून की विशेषता यह है कि वह जमा नहीं, तरल (fluid) ही रहता है।
8. रजोधर्म (Menstruation) होने से पहले दिन हैजे (Diarrhea)-के-से दस्त
- इसका विशेष लक्षण (characteristic symptom) है कि रजोधर्म (Menstruation) होने से पहले दिन हैजे (Diarrhea) के-से दस्त आते हैं; ऋतुस्राव (Menstrual Flow) के दिनों में भी दस्त बने रहते हैं।
- साइलीशिया (Silica) में ऋतु-स्राव से पहले और दिनों में कब्ज रहती है।
9. प्रातःकाल 3 बजे रोग का बढ़ना
- वृद्ध पुरुष में प्रातःकाल 3 बजे जोर की खाँसी आती है; खाँसते-खाँसते पसीना आता है और दम घुटता है।
10. लैकेसिस (Lachesis) तथा ऐमोनियम कार्ब (Ammonia Carbonicum) का संबंध
लैकेसिस (Lachesis) का प्रभाव बाईं तरफ है, ऐमोनिया कार्ब का दाईं तरफ। इस भेद के होने पर भी इन दोनों औषधियों का आपस में संबंध है। वह संबंध क्या है?
(क) दोनों औषधियों में काले खून (black blood) का बहना पाया जाता है, खून जो जमता नहीं (does not clot)।
(ख) दोनों औषधियों में सोने के बाद (after sleep) लक्षणों का बढ़ना पाया जाता है।
इन लक्षणों को सामने रखते हुए दो बातों की तरफ ध्यान देना आवश्यक है:
(क) अगर खून बहने और नींद के बाद लक्षणों के बढ़ने को ध्यान में रखते हुए लैकेसिस उच्च-शक्ति (high potency) का दिया गया है और वह लाभ पहुंचा रहा है, तो ऐमोनिया कार्ब नहीं देना चाहिये क्योंकि यह लैकेसिस की क्रिया में बाधा पहुंचायेगा। इस दृष्टि से यह लैकेसिस का विरोधी (Inimical) कहा जाता है।
(ख) अगर अन्य लक्षणों को ध्यान में रखते हुए लैकेसिस न्यून-शक्ति (low potency) का दिया गया है और उसका प्रभाव विष-सदृश (poison-like) हो रहा है, तो ऐमोनिया कार्ब देने से 'समः समं शमयति' (Similia Similibus Curantur) के सिद्धान्त के अनुसार लैकेसिस का प्रभाव जाता रहेगा क्योंकि उस समय होम्योपैथिक दृष्टि से दोनों सदृश (सम-similar) हैं।
11. अन्य लक्षण (Other Symptoms)
I. बालों का झड़ना (Hair Loss)।
II. नख पीले पड़ जाते हैं (Nails turn Yellow)।
III. प्रातःकाल मुख धोते समय नाकसीर (Nosebleed) बहने लगती है — विलक्षण (Peculiar) लक्षण।
IV. स्नान के बाद त्वचा पर लाल धब्बे उभरते हैं (Red Spots on Skin after Bath)।
V. स्नान के बाद त्वचा पर रक्त लहरें (Blood Waves) मारने लगती हैं; धड़कन होती है।
VI. हड्डियों और दांतों में दर्द (Bone & Teeth Pain)।
VII. घाव के गलित-घाव (Gangrene) में बदलने की आशंका।
VIII. जब अन्य औषधि से लाभ न हो और रोगी की कमजोरी से हृदय डूबता (heart feels weak) दीखे, तब आर्सेनिक (Arsenic) या ऐमोनियम कार्ब (Ammonia Carbonicum) रोगी को बचा सकते हैं।
12. शक्ति तथा प्रकृति (Potency & Nature)
- 6, 30, 200
- दीर्घकालिक एण्टीसोरिक दवा (Antipsoric Medicine)
- औषधि सर्द-प्रकृति (Chilly) के लिए है।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. ऐमोनियम कार्बोनिकम का प्रमुख लक्षण क्या है?
ऐमोनियम कार्बोनिकम का प्रमुख लक्षण स्थूल-काय (Obese) और शीत-प्रधान (Chilly) रोगी में दमे (Asthma) के कष्ट के दौरान भी ठंडी हवा की इच्छा होना है, जबकि वह सामान्य रूप से ठंड से डरता है।
Q2. ऐमोनियम कार्ब के स्रावों की विशिष्टता क्या है?
इस औषधि के सभी स्राव (Discharges), विशेषकर नाक का पानी, तीखे और खाल को छील देने वाले (Excoriating) होते हैं। नाक का पानी होंठों पर जलन पैदा करता है, जबकि आँखों के पानी में जलन नहीं होती।
Q3. मासिक धर्म के दौरान ऐमोनियम कार्बोनिकम में क्या लक्षण दिखते हैं?
मासिक धर्म जल्दी होता है, खून काला और तरल होता है (जमता नहीं)। रजोधर्म से पहले दिन हैजे (Diarrhea) जैसे दस्त आते हैं, और रज-काल (Menstruation) के दौरान सभी लक्षण बढ़ जाते हैं।
यह सामग्री सिर्फ शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए।