Anacardium - ऐनाकार्डियम-भिलावा
ऐनाकार्डियम (Anacardium) के व्यापक लक्षणों को समझें, जिसमें स्मृति का अचानक लोप, शरीर और मन के अलग होने की अनुभूति, और परीक्षा से घबराहट शामिल है। जानें क्यों यह नक्स वोमिका से विपरीत काम करती है।
ऐनाकार्डियम (Anacardium), जिसे भिलावा के नाम से भी जाना जाता है, एक सर्द (Chilly) प्रकृति की औषधि है। यह अपनी अनोखी मानसिक अवस्थाओं और पाचन संबंधी विलक्षणताओं के कारण होम्योपैथी में विशेष स्थान रखती है।
मुख्य लक्षण तथा रोग (GENERALS AND PARTICULARS):
- स्मरण शक्ति का एकाएक लोप होना (Sudden Loss of Memory)।
- रोगी समझता है कि शरीर तथा मन अलग-अलग हैं तथा उसके दो इच्छा शक्तियां (Two Wills) हैं।
- यह अनुभूति कि सब अवास्तविक है (Feeling that everything is unreal)।
- अन्य प्रकार के भ्रम: सब पर सन्देह, कोई पीछा कर रहा है आदि भ्रांतियां (delusions)।
- बिना हंसी की बात पर हंस देना, हंसी की बात पर संजीदा हो जाना।
- खाने के बाद पेट-दर्द आदि में आराम: ऐनाकार्डियम तथा नक्स (Nux) की तुलना।
- मानसिक दुर्बलता (Mental Debility): परीक्षा से घबराहट।
- अनिद्रा (Insomnia)।
प्रकृति (MODALITIES)
लक्षणों में कमी (Better):
- खाने के बाद रोग में कमी।
- गर्म पानी से स्नान करने से रोग में कमी।
लक्षणों में वृद्धि (Worse):
- क्रोध से रोग में वृद्धि।
- भय से रोग में वृद्धि।
- ठंड से रोग में वृद्धि।
- खुली हवा से रोग में वृद्धि।
(1) स्मरण-शक्ति का एकाएक लोप हो जाना
- इस औषधि का स्मरण शक्ति (Memory) पर प्रभाव पड़ता है।
- रोगिणी कभी पहिचानती है कि यह उसका बच्चा है, कभी भूल जाती है और अपने बच्चे को पहिचानती नहीं।
- डॉ० गुएरेन्सी (Dr. Guernsey) का कथन है कि होम्योपैथी के संपूर्ण मैटीरिया मैडिका (Materia Medica) में स्मृति-लोप (Amnesia) के संबंध में इस औषधि के समान दूसरी शायद ही कोई औषधि हो। जब स्मृति लोप का लक्षण इतना प्रबल हो तब यह औषधि स्मृति को तो ठीक कर ही देती है, रोगी के अन्य लक्षणों को भी दूर कर देती है। स्मृति-लोप इतना हो जाता है कि वह अपने बच्चें को नहीं, अपने पिता को भी भूल जाती है। कहती है: यह बच्चा उसका बच्चा नहीं; यह पति उसका पति नहीं।
(2) रोगी समझता है कि शरीर तथा मन अलग-अलग हैं तथा उसके दो इच्छा-शक्तियां (Two Wills) हैं
- स्वस्थ मनुष्य को शरीर तथा मन के अलग-अलग होने की अनुभूति (Sensation) नहीं बनी रहती, परन्तु इस रोगी को हर समय ख्याल आता रहता है कि ये दोनों अलग-अलग हैं। शरीर तथा मन के अलग-अलग होने की ही उसे अनुभूति नहीं होती, उसे यह भी प्रतीत होता है कि उसके भीतर मन के भी दो भाग हैं, उसकी दो 'इच्छा-शक्तियां (Wills)' हैं। उनमें से एक इच्छा-शक्ति उसे जो कुछ करने को कहती है, दूसरी उसे करने से रोकती है। वह निश्चय नहीं कर सकता कि क्या करे। उसके भीतर से उसे एक आवाज़ आती है-यह करो; दूसरी आवाज़ आती है- यह न करो। उसकी इच्छा है कि दूसरे को मारे, दूसरे के साथ अन्याय करे, परन्तु उसे दूसरी आवाज ही अपने भीतर से सुनाई देती है कि ऐसा न करे। क्या करे, क्या न करे, इसका विवाद (conflict) उसके भीतर चलता रहता है। वैसे तो ऐसा विवाद सब में चला करता है, भला आदमी अपनी शुभ-इच्छाओं (good intentions) के बल पर बुरी-इच्छा को दबा देता है, बुरा आदमी कानून के डर से इन बुरी इच्छाओं को दबा देता है। परन्तु जब मन इतना बेकाबू हो जाय कि वह बुरी इच्छा के चंगुल (clutches of evil intent) में ही फंस जाय, मन में विचार शक्ति (thinking power) ही न रहे, भला क्या है-यह सोच सके, कानून का डर क्या है-न यह सोच सके, तब रोगी इस औषधि के क्षेत्र में आ जाता है।
(3) यह अनुभूति कि सब अवास्तविक है
- रोगी को ऐसा अनुभव होता है कि जो कुछ है वह सब अयथार्थ (unreal) है, अवास्तविक (untrue) है। वेदान्त की दृष्टि से ऊहापोह (deliberation) करके सैद्धान्तिक दृष्टि से वह ऐसा नहीं सोचता, उसे लगता ही ऐसा है कि जो कुछ दीखता है वह वैसा नहीं है। पुत्र पुत्र नहीं है, पति पति नहीं है।
(4) अन्य प्रकार के भ्रम सब पर सन्देह, कोई पीछा कर रहा है आदि भ्रांतियां
- इस औषधि में न्यूरेस्थेनिया (Neurasthenia - स्नायु दौर्बल्य) प्रधान है। रोगी को सब पर सन्देह (suspicion) होता है। चलते हुए बार-बार पीछे देखता है क्योंकि उसे शक (doubt) होता है कि कोई पीछा कर रहा है। लगता है कि एक कन्धे पर शैतान बैठा है, दूसरे पर फरिश्ता (angel)।
(5) बिना हंसी की बात पर हंस देना, और हंसी की बात पर संजीदा हो जाना
- ऐनाकार्डियम (Anacardium) भ्रमों (delusions) से इतनी पूर्ण है कि रोगी ऐसी बात पर संजीदा (serious) हो उठता है जिस पर सब हंस पड़ें, और जिस पर लोग हंसें उस पर संजीदा हो जाता है। उक्त प्रकार के मानसिक लक्षणों (mental symptoms) में इस औषधि का उपयोग किया जाता है।
(6) खाने के बाद पेट-दर्द आदि में आराम - ऐनाकार्डियम तथा नक्स (Nux) की तुलना
- अपचन (Indigestion) में प्रायः होम्योपैथ एकदम नक्स वोमिका (Nux Vomica) दे देते हैं परन्तु नक्स तथा ऐनाकार्डियम के अपचन की तुलना कर लेना उचित है।
- ऐनाकार्डियम में पेट जब खाली होता है तब दर्द होता है, खाने से पेट दर्द हट जाता है; नक्स (Nux) में जब तक पेट में खाना रहता है तब तक दर्द होता है। खाना हजम (digest) होने की प्रक्रिया में २-३ घंट लगते हैं। नक्स तब तक परेशान रहता है, खाना हजम होने के बाद उसकी तबियत ठीक हो जाती है, ऐनाकार्डियम के रोगी के लक्षण तब शुरू हो जाते हैं। दोनों इस बात में एक दूसरे से उल्टे हैं।
- डॉ० नैश (Dr. Nash) लिखते हैं कि उन्होंने एक रोगी को जिसका कष्ट पेट के खाली हो जाने पर बढ़ जाता था ऐनाकार्डियम 200 से बिल्कुल ठीक कर दिया।
- इस लक्षण में सिर-दर्द (headache) में भी लाभप्रद है। ऐनाकार्डियम तथा नक्स दोनों में पाखाने की असफल इच्छा (Ineffectual urging) होती है, परन्तु ऐनाकार्डियम में गुदा-प्रदेश (anal region) की मांसपेशियों की पक्षाघात (paralysis) की-सी अवस्था के कारण ऐसा होता है, और नक्स में आंतों की अनियमित अग्रगति (Irregular peristaltic movements of bowels) के कारण ऐसा होता है।
- ऐनाकार्डियम में शौच जाने की इच्छा होती है परन्तु गुदा की मांसपेशियों की अक्रिया (inactivity of anal muscles) के कारण पाखाना नहीं होता, नक्स में भी शौच जाने की इच्छा होती है परन्तु पाखाना पूरा नहीं हो पाता, बार-बार थोड़ा-थोड़ा होता है। क्योंकि ऐनाकार्डियम में शौच नहीं हो पाता इसलिये आंतों में शौच एकत्रित हो जाने के कारण गुदा-प्रदेश में डाट लगा-सा अनुभव (plugged sensation) होता है। इन लक्षणों को ध्यान में रखते हुए इन दोनों में भेद कर सकना आसान है।
(7) मानसिक दुर्बलता - परीक्षा से घबराहट
- मानसिक दुर्बलता (Brain-fag) इस औषधि का चरित्रगत लक्षण (characteristic symptom) है।
- इस औषधि के मानसिक लक्षणों के विषय में हमने जो कुछ लिखा है उससे स्पष्ट है कि इस औषधि का मन पर विशेष प्रभाव पड़ता है। इन्हीं मानसिक लक्षणों में एक लक्षण मानसिक दुर्बलता (Brain-fag) है। विद्यार्थी मानसिक दुर्बलता का यह लक्षण पाया जाता है।
- विद्यार्थी देर तक मानसिक-श्रम (mental strain) करने के बाद इतना थक जाता है कि परीक्षा में अनुत्तीर्ण (fail) होने का उसे भय सताता है। भेद यह है कि ऐनाकार्डियम का रोगी ठंड की सहन नहीं कर सकता और पिकरिक एसिड (Picric Acid) का रोगी गर्मी को सहन नहीं कर सकता।
- परीक्षा से घबराहट में निम्न-शक्ति (low potency) देना ठीक रहता है। इथूजा (Aethusa) के प्रकरण में हम पहले लिख आये हैं कि डॉ० क्लार्क (Dr. Clarke) इथूजा के पाउडरों को 'फंक पिल्स' (Funk Pills) के नाम से विद्यार्थियों को दिया करते थे।
(8) अनिद्रा
- रोगी को कई रात अनिद्रा (Insomnia) का दौर पड़ता है।
- रोगिणी को कुछ दिन तो ठीक नींद नहीं आती है, परन्तु फिर नींद न आने का दौर पड़ता है और कई दिन नींद नहीं आती।
- डॉ० कास्टिस (Dr. Castis) ने उक्त लक्षणों में एक गर्भवती स्त्री (pregnant woman) का अनिद्रा का रोग 200 शक्ति (potency) की यह औषधि देकर दूर कर दिया था।
(9) शक्ति तथा प्रकृति
- यह औषधि 6 से 200 शक्ति (potency) तक प्रयोग की जाती है। औषधि 'सर्द' (Chilly-प्रकृति) के लिये है।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
1. ऐनाकार्डियम में पेट दर्द की क्या विलक्षणता है? ऐनाकार्डियम में पेट दर्द खाली पेट होने पर बढ़ता है, और खाने के बाद रोगी को तुरंत आराम मिल जाता है, जो इसे नक्स वोमिका से विपरीत बनाता है।
2. ऐनाकार्डियम के मानसिक लक्षणों का केंद्रीय भाव क्या है? ऐनाकार्डियम का केंद्रीय भाव भ्रम (delusion), स्मृतिलोप (amnesia), और शरीर/मन के अलग होने तथा दो इच्छा शक्तियों (Two Wills) के बीच विवाद (conflict) की अनुभूति है।
3. ऐनाकार्डियम और नक्स वोमिका में शौच की समस्या में क्या अंतर है? ऐनाकार्डियम में गुदा की मांसपेशियों की पक्षाघात (paralysis) जैसी कमजोरी के कारण शौच जाने की इच्छा होने पर भी पाखाना नहीं होता। नक्स में आंतों की अनियमित गति के कारण शौच अपूर्ण होता है, बार-बार होता है।
यह सामग्री सिर्फ शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए।