Baptisia Tinctoria – बैप्टीशिया टिंकटोरिया
बैप्टीशिया (Baptisia) के व्यापक लक्षणों को समझें, जिसमें ज्वर के साथ बढ़ती कमजोरी और 'तन्द्रा' (Stupor), बिस्तर का कठोर अनुभव होना और अत्यधिक दुर्गंधयुक्त मल शामिल है।
बैप्टीशिया (Baptisia): व्यापक लक्षण और मुख्य रोग
बैप्टीशिया (Baptisia) एक प्रमुख होम्योपैथिक औषधि है जिसके लक्षण अक्सर टाइफाइड (Typhoid) बुखार से मिलते-जुलते हैं। यह अपनी विशेष अवस्थाओं और लक्षणों के कारण अन्य दवाओं से अलग है।
1. टाइफाइड के लक्षण
ज्वर (fever) के साथ बढ़ती हुई कमजोरी (debility) और फिर 'तंद्रा' (Stupor): इस औषधि के लक्षण टाइफाइड से इतने मिलते-जुलते हैं कि यह इसकी मुख्य दवा मानी जाती है।
- डॉ. नैश (Dr. Nash) लिखते हैं कि रोग की प्रारंभिक अवस्था में घबराहट, ठंड का अनुभव, पूरे शरीर में दर्द (विशेष रूप से सिर, पीठ और हाथ-पैर में पीड़ा) होती है। रोगी को ऐसा अनुभव होता है कि शरीर कूट-कूट कर कुचल दिया गया है। जैसे-जैसे रोग बढ़ता जाता है, कमजोरी भी बढ़ती जाती है और रोगी 'तंद्रा' (Stupor) में पहुँच जाता है।
- डॉ. केन्ट (Dr. Kent) लिखते हैं कि यह अवस्था डिलिरियम (delirium) का रूप धारण कर लेती है। अगर आप इस रोगी को जगाकर कुछ कहना चाहें या कुछ पूछना चाहें तो वह आपकी ओर देखता है मानो शराब के नशे में हो। प्रश्न का उत्तर देते-देते ही सो जाता है, पूरा उत्तर ही नहीं दे पाता।
- आर्निका (Arnica) में शरीर की कुचलन, पीड़ा आदि के ये लक्षण भी हैं, परंतु आर्निका का रोगी प्रश्न का उत्तर देकर फौरन सो जाता है, और बैप्टीशिया का रोगी उत्तर देते-देते सो जाता है।
- ये लक्षण इन्फ्लूएंजा (Influenza), स्कार्लेट फीवर (Scarlet Fever) या किसी भी अन्य रोग में हों, बैप्टीशिया ही दवा है।
2. शरीर में कुचले जाने का-सा दर्द अनुभव करना
- रोगी शरीर के जिस भाग में भी लेटने का प्रयत्न करता है, उसी भाग में अनुभव करता है कि उसे उस भाग के कुचले जाने का-सा दर्द हो रहा है।
- पाइरोजेन (Pyrogen) और आर्निका (Arnica) में भी शरीर के कुचले जाने का लक्षण है, परंतु आर्निका में अनायास मल-मूत्र निकल जाता है, बैप्टीशिया में नहीं।
- शरीर के कुचले जाने के लक्षण के साथ अगर रक्त के दूषित होने की अवस्था (सेप्टीसीमिया - Septicemia) हो, तब पाइरोजेन (Pyrogen) उपयुक्त है।
- टाइफाइड में रस-टॉक्स (Rhus Tox) के भी लक्षण पाए जाते हैं। बैप्टीशिया की तरह रोगी बिस्तर पर करवटें बदलता रहता है, परंतु रस टॉक्स में जीभ के अग्रभाग पर त्रिभुजाकार लाल चिह्न रहता है और रोगी का मल धुले हुए मांस के पानी जैसा पतला होता है, ये लक्षण बैप्टीशिया में नहीं हैं। इसके अतिरिक्त बैप्टीशिया के रोगी का मल अत्यंत दुर्गंधयुक्त होता है, यह लक्षण रस टॉक्स में नहीं है। बैप्टीशिया का डायरिया (diarrhea) अत्यंत दुर्गंधवाला होता है।
3. टाइफाइड में बैप्टीशिया और जेलसेमियम
टाइफाइड की प्रारंभिक अवस्था जेलसेमियम (Gelsemium) जैसी होती है। रोगी चुपचाप ऊँघाई (Drowziness) में पड़ा रहता है। इस अवस्था में ज्वर इतना प्रचंड नहीं होता, पतले दस्त भी इस अवस्था में नहीं आते, परंतु प्रारंभिक अवस्था के बाद की अवस्था में जब 'ऊँघाई' 'तंद्रा' (stupor) में बदल जाती है, जब ज्वर अधिक होने लगता है, पतले दस्त आने लगते हैं, तब बैप्टीशिया की अवस्था आ जाती है। वैसे टाइफाइड की हर अवस्था में शुरू से अंत तक बैप्टीशिया इसकी अवधि को कम कर देता है।
4. रोगी अनुभव करता है कि अपने बिखरे हुए अंगों को बटोर रहा है
रोगी बिस्तर में करवटें बदलता रहता है, और पूछने पर कहता है कि उसके अंग बिखरे पड़े हैं, वह उन्हें बटोर रहा है। इसका विशिष्ट लक्षण यह भी है कि रोगी अनुभव करता है कि उसके तीन शरीर हैं, जिन सबको वह ढँकने का प्रयत्न करता है। एक अंग दूसरे अंग से बहस किया करता है।
5. तरल पदार्थ निगल सकता है, ठोस निगलने से गला घुटता है
पानी, दूध आदि सरलता से पी लेता है, ठोस नहीं ले सकता, गला घुटता है। इग्नेशिया (Ignatia) में ठोस आसानी से भीतर ले जाता है, तरल नहीं ले जा सकता। इग्नेशिया (Ignatia) का यह लक्षण बैप्टीशिया से उल्टा है।
प्रकृति (Modalities)
- लक्षणों में कमी (Better):
- कुछ विशेष नहीं।
2. लक्षणों में वृद्धि (Worse):
- नमी (dampness)
- गर्मी से रोग में वृद्धि (worse from heat)
- बंद कमरे में रोग की वृद्धि (worse in closed room)
- सोने के बाद रोग में वृद्धि (worse after sleep)
बैप्टीशिया एवं जेलसेमियम दोनों अल्पकालिक औषधियाँ (short-acting remedies) हैं। यह औषधि गर्म (hot) प्रकृति के लिए है।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. बैप्टीशिया का उपयोग किन बीमारियों में किया जाता है?
बैप्टीशिया का उपयोग मुख्य रूप से टाइफाइड जैसे ज्वर, गंभीर कमजोरी, शरीर में कुचले जाने जैसा दर्द और ऊंघाई (drowziness) की अवस्था में किया जाता है।
Q2. बैप्टीशिया, जेलसेमियम और आर्निका में क्या अंतर है?
जेलसेमियम में ऊंघाई होती है, लेकिन बैप्टीशिया में यह ऊंघाई 'तंद्रा' (stupor) में बदल जाती है। आर्निका में भी कुचले जाने जैसा दर्द होता है, लेकिन बैप्टीशिया का रोगी उत्तर देते-देते सो जाता है, जबकि आर्निका का रोगी उत्तर देकर तुरंत सोता है।
Q3. क्या बैप्टीशिया के रोगी को भूख लगती है?
नहीं, इस आलेख में रोगी की भूख के बारे में कोई विशिष्ट जानकारी नहीं दी गई है। हालांकि, यह स्पष्ट है कि वह ठोस भोजन नहीं निगल सकता।
यह सामग्री सिर्फ शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है और से पेशेवर चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए।