Ammonium Muriaticum – ऐमोनियम म्यूरियेटिकम
जानिए ऐमोनियम म्यूरियेटिकम (Ammonium Muriaticum) की होम्योपैथिक उपयोगिता, लक्षण (Symptoms), कब्ज, खाँसी, गले की दुखन, मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द, गर्मी की लहरें, तथा मानसिक और शारीरिक प्रकृति।
ऐमोनियम म्यूरियेटिकम (Ammonium Muriaticum) एक दीर्घकालिक (Long-acting) होम्योपैथिक औषधि है, जो गर्म-प्रकृति (Hot-natured) के रोगियों के लिए उपयुक्त है। यह औषधि शरीर की आंतरिक झिल्लियों, स्नायु-मंडल, और विशिष्ट स्रावों पर गहरा प्रभाव डालती है।
व्यापक-लक्षण तथा मुख्य-रोग (GENERALS AND PARTICULARS)
- खाँसी (Cough) या छाती (Chest) के दर्द में दोनों कन्धों के बीच ठंड का अनुभव होना।
- कब्ज (Constipation): कठोर और खुश्क मल की समस्या।
- मांसपेशियों (Muscles), पुट्ठों (Tendons/Ligaments) तथा जोड़ों (Joints) में खिंचाव (Tension) तथा दर्द (Pain) की अनुभूति (Sensation)।
- ऋतु-स्राव (Menstruation) लेटे-लेटे होता है, खड़े होने पर बन्द हो जाता है।
- गले की दुखन (Sore-throat)।
- गर्मी की लहरें (Hot Flushes) तथा ज्वर (Fever) में गर्म लहर के साथ पसीना छूटना (Flushes of heat)।
- ऐमोनियम म्यूर (Ammonium Mur.) की प्रकृति (Constitution): रोगी देह से स्थूल (Obese) होता है, परन्तु टाँगें उसकी पतली होती हैं।
प्रकृति (MODALITIES)
लक्षणों में कमी (Better):
- ठंड में रोग में कमी होना।
- खुली हवा में रोग में कमी।
- तेज चलने से रोग में कमी।
लक्षणों में वृद्धि (Worse):
- प्रातःकाल (सिर तथा छाती के रोग का बढ़ना)।
- दोपहर (पेट के रोग का बढ़ना)।
- सायंकाल (त्वचा, ज्वर, अंगों में रोग का बढ़ना)।
- पुरानी मिचकोड़ (Old sprains)।
- कालान्तर (Periodically) में रोग का बढ़ना।
(1) खाँसी या छाती के दर्द में दोनों कन्धों के बीच ठंड का अनुभव
- इस औषधि का बहुमूल्य लक्षण (Valuable Symptom) यह है कि दोनों कन्धों के बीच ठंड का अनुभव होता है। छाती की दो तकलीफों (Ailments) में प्रायः यह अनुभव हुआ करता है। एक तो खाँसी (Cough) में, दूसरा खाँसी के बिना छाती में दर्द (Chest Pain) के होने में।
- डॉ० नैश (Dr. Nash) का कथन है कि जैसे दोनों कन्धों के बीच जलन (Burning) का अनुभव होना लाइकोपोडियम (Lycopodium) और फॉस्फोरस (Phosphorus) में पाया जाता है, वैसे ठंड का अनुभव होना ऐमोनियम म्यूर (Ammonium Mur.) में पाया जाता है। लैकनैन्थिस (Lacnanthes) का लक्षण यह है कि रोगी अनुभव करता है कि कन्धों के बीच एक बर्फ का टुकड़ा रखा हुआ है।
(2) कब्ज (Constipation)
- डॉ० नैश कहते हैं कि इस औषधि में अत्यन्त सख्त कब्ज होती है। मल (Stool) कठोर (Hard), खुश्क (Dry), टूट-टूट कर गिरता है और कठिनाई से निकलता है। कभी-कभी कॉस्टिकम (Causticum) की तरह मल आंव (Mucus) से लिपटा रहता है। कॉस्टिकम में मलद्वार (Anus) की पक्षाघात (Paralysis) की-सी हालत होने के कारण मल कठिनाई से निकलता है।
- कब्ज के विषय में यह जानना उचित है कि जितने म्यूरेट्स (Muriates) हैं उनमें मल खुश्क और कठोर होता है।
- उदाहरणार्थ, ऐमोनियम म्यूर (Ammonium Mur.), मैगनेशिया म्यूर (Magnesia Mur.), नैट्रम म्यूर (Natrum Mur.) - सब में कब्ज और कठोर मल पाया जाता है।
- ऐमोनियम म्यूर में मल का रंग सदा परिवर्तित (Changes) होता रहता है। मल का रंग बदलते रहना पल्सेटिला (Pulsatilla) में भी पाया जाता है, परन्तु ऐमोनियम म्यूर ठंड पंसद नहीं करता, पल्सेटिला ठंड पसन्द करता है।
- कॉस्टिकम (Causticum) और ऐमोनिया (Ammonium) में भेद यह है कि कॉस्टिकम में तो नसे (Nerves) वास्तव में खिंच जाती हैं और हाथ-पाँव भी छोटे नहीं पड़ते, परन्तु नसों में इस प्रकार का खिंचाव मालूम पड़ता है मानो नसें और मांसपेशियाँ छोटी पड़ गई हैं, जबकि वास्तव में छोटी पड़ी नहीं होतीं।
(3) मांसपेशियों, पुट्ठों तथा जोड़ों में खिंचाव तथा दर्द की अनुभूति
- इसका मांसपेशियों (Muscles), पुट्ठों (Tendons/Ligaments) तथा जोड़ों (Joints) में खिंचाव (Tension) तथा दर्द (Pain) की अनुभूति पर विशेष प्रभाव है।
- इस लक्षण में, गठिया (Gout/Rheumatism) तथा पुरानी मिचकोड़ (Old sprains) के दर्द आदि में यह औषधि अच्छा काम करती है।
- रोगी को पुट्ठों में, मांसपेशियों में और जोड़ों में एक प्रकार का तनाव (Tension) अनुभव होता है। जब मांसपेशियों में खिंचाव के कारण उनमें कार्य करने की असमर्थता (Inability to function) का अनुभव हो, तब इस औषधि को स्मरण करना चाहिये।
(4) ऋतु-स्राव लेटे-लेटे होता है, खड़े हो जाने पर बन्द हो जाता है
- डॉ० नैश कहते हैं कि सिर्फ तीन औषधियाँ हैं जिनमें ऋतु-स्राव (Menstrual Flow) सिर्फ रात को लेटने पर होता है, चलने-फिरने पर बन्द हो जाता है। वे औषधियाँ हैं - ऐमोनियम म्यूर (Ammonium Mur.), बोविस्टा (Bovista) तथा मैग कार्ब (Mag. Carb.)।
ऋतु-स्राव(Menstrual Flow) की औषधियों की तुलना निम्न है:
- रात को ऋतु-स्राव, दिन को बन्द - ऐमोनियम म्यूर, बोविस्टा, मैग कार्ब।
- दिन को ऋतु-स्राव, लेटने से बन्द - कैक्टस (Cactus), कॉस्टिकम, लिलियम (Lilium)।
- ऋतु-स्राव सिर्फ लेटने पर, चलने-फिरने से बन्द - क्रियोजोट (Kreosotum)।
(5) गले की दुखन (Sore-throat)
- डॉ० कैन्ट (Dr. Kent) का कहना है कि गले की ऐसी दुखन के लिये जिसका कुछ अता-पता न चले, यह बहुत उत्तम औषधि है। खासकर गले की ऐसी हालत जिसमें जलन (Burning) हो, गले में चिपचिपा कफ (Tenacious Phlegm) चिपटा रहे, गले में शोथ (Inflammation) हो जाय, थूक निगलने में कष्ट (Difficulty in swallowing) हो, बार-बार गले में से कफ खाँस-खाँस कर निकालना पड़े, गला पड़ जाय (Hoarseness) या आवाज ही बैठ जाय (Loss of Voice)! ऐसे रोगियों में भी इस से लाभ होता है जो इस प्रकार की खाँसी के साथ कमजोर पड़ते जाएँ, रोज़ खाँसते रहें और तपेदिक (Tuberculosis) की तरफ बढ़ते जाएँ।
(6) गर्मी की लहरें तथा ज्वर में गर्म लहर के साथ पसीना छूटना (Flushes of heat)
- रोगी अनुभव करता है कि शरीर की सब नसों में रुधिर (Blood) उबल रहा है।
- शरीर की आभ्यन्तर-झिल्लियों (Internal Membranes) में जलन (Burning), उत्ताप (Heat) तथा काटने का-सा अनुभव (Cutting sensation)। गर्मी की लहरें आती हैं और पसीने में समाप्त होती हैं। रात के अन्तिम भाग में बहुत पसीना आता है।
- ज्वर (Fever) में बार-बार गर्मी की लहरें आती हैं और हर गर्म लहर के बाद पसीना छूटता है।
(7) ऐमोनियम म्यूर की प्रकृति (Constitution)
- ऐमोनियम म्यूर (Ammonium Mur.) का रोगी देह से स्थूल (Obese) होता है, परन्तु टाँगें उसकी पतली होती हैं।
- स्वभाव से आलसी (Indolent)। ठंड तथा खुली हवा को बर्दाश्त नहीं कर सकता (Intolerant)। गर्मी की लहरें आती हैं तो उनके बाद पसीना आ जाता है।
- मानसिक लक्षण (Mental Symptoms) तो बहुत नहीं होते, परन्तु किसी-किसी व्यक्ति के प्रति वह घृणा (Hatred/Aversion) प्रदर्शित करता है।
- डॉ० बौरिक (Dr. Boericke) 'होम्योपैथिक मैटीरिया मैडिका (Homoeopathic Materia Medica)' में लिखते हैं कि ऐमोनियम म्यूर के रोगी के रोग के लक्षणों में वृद्धि की विलक्षणता (Peculiarity of Aggravation) यह है कि उसके भिन्न-भिन्न अंगों के रोग बढ़ने का समय भिन्न-भिन्न है। उसके सिर तथा छाती के रोगों के लक्षण प्रातःकाल बढ़ जाते हैं; पेट की शिकायतों (Abdominal Complaints) के लक्षण दोपहर को बढ़ते हैं; त्वचा (Skin), ज्वर (Fever) तथा अन्य रोगों के लक्षण सायंकाल बढ़ते हैं।
(8) शक्ति तथा प्रकृति (Potency and Nature)
- 3, 6, 30, 200 (मूल में 3, 6 दिया गया है, 30 और 200 सामान्यतः उपयोग में आती है)।
- इस औषधि की क्रिया दीर्घकालिक (Long-acting) है।
- औषधि 'गर्म-प्रकृति (Hot-natured)' के लिये है।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. ऐमोनियम म्यूरियेटिकम का सबसे विलक्षण लक्षण क्या है?
ऐमोनियम म्यूरियेटिकम का सबसे विलक्षण लक्षण (Peculiar Symptom) यह है कि रोगी को खाँसी (Cough) या छाती के दर्द (Chest Pain) के दौरान दोनों कन्धों के बीच ठंड का अनुभव होता है।
Q2. ऐमोनियम म्यूर में मासिक धर्म की क्या विशेषता है?
इस औषधि में ऋतु-स्राव (Menstrual Flow) सिर्फ लेटे-लेटे होता है और रोगी के खड़े हो जाने पर बन्द हो जाता है।
Q3. ऐमोनियम म्यूर में कब्ज के लक्षण क्या हैं?
इस औषधि में अत्यन्त सख्त कब्ज होती है, जिसमें मल (Stool) कठोर (Hard), खुश्क (Dry) होता है और कठिनाई से निकलता है। यह म्यूरेट्स (Muriates) समूह की दवाओं का एक सामान्य लक्षण है।
यह सामग्री सिर्फ शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए।