Cistus Canadensis – सिस्टस कैनेडेनसिस
सिस्टस कैनेडेनसिस गले के संक्रमण, पुराने जुकाम और ग्रंथियों की सूजन में सहायक होम्योपैथी दवा है। इसके रोगियों को ठंड बहुत लगती है, पनीर (Cheese) खाने की इच्छा होती है ।जानें इसके लक्षण और उपयोग।
Cistus Canadensis, जिसे रॉक रोज़ (Rock Rose) भी कहा जाता है, होम्योपैथी में ग्रंथियों की सूजन और ठंडक के प्रति संवेदनशीलता के लिए एक गहरी क्रिया करने वाली (Deep acting) औषधि है।
व्यापक-लक्षणों की सूची (List of Generals and Particulars)
- पुराने जुकाम (Chronic Coryza) में जब नाक खाली होने से तकलीफ हो।
- भिन्न-भिन्न अंगों में ठंडक (Coldness) लगना।
- घी, मांस, नमक से अरुचि (Aversion), पनीर (Cheese) से विशेष रुचि।
- शीत (Cold) से रोग-वृद्धि तथा गर्मी (Heat) से आराम।
- कण्ठमालाग्रस्त धातु (Scrofulous Diathesis)।
- अंगुलियों का एग्ज़ीमा (Eczema)।
- शक्ति (Potency) और प्रकृति (Nature)।
1. पुराने जुकाम में जब नाक खाली होने से तकलीफ हो
- यह औषधि नये जुकाम (Acute Coryza) में उतनी लाभप्रद नहीं है जितनी पुराने जुकाम (Chronic Coryza) में, परन्तु नये जुकाम में भी अगर लक्षण मिलें तो लाभ करती है।
- जुकाम में जब नाक गाढ़े, पीले श्लेष्मा (Thick Yellow Mucus) से भर जाती है और सिनकने (Blowing the nose) पर इसे बाहर निकाल दिया जाता है, तब कभी-कभी नाक के खाली होने पर उसमें चिरमिराहट (Irritation) होने लगती है।
- रोगी कहते हैं कि नाक खाली होने पर चिरमिराहट होती है; कई कहते हैं नाक में ठंड (Cold sensation) लगने लगती है; कई कहते हैं कि हल्के अधपके फोड़े का-सा दर्द होने लगता है; कई कहते हैं कि जलन (Burning) होने लगती है।
- विपरीत लक्षण: जब नाक फिर श्लेष्मा (Mucus) से भर जाती है तब आराम पड़ता है।
- Arsenic Album, Antimonium Crud तथा Aesculus में नाक भरी होने पर उसमें जलन होती है, जबकि Cistus में नाक खाली होने पर उसमें जलन होने लगती है या कष्ट बढ़ता है।
- खाली नाक में जब रोगी सांस लेता है तो उसे कष्ट होता है। रोगी को यह कष्ट ठंडी हवा के सांस लेने से होता है, वह गर्म हवा लेना चाहता है।
2. भिन्न-भिन्न अंगों में ठंड अनुभव होना
- रोगी भिन्न-भिन्न स्थानों में ठंड (Cold sensation) अनुभव करता है। ठंड इस औषधि का मुख्य-लक्षण (Keynote Symptom) है।
- मस्तक (Forehead) में ठंड का अनुभव, जीभ (Tongue) में, गले (Throat) में, श्वास-नलिका (Trachea) में सांस ठंडा अनुभव हो, पेट (Stomach) में, छाती (Chest) में, अंगुलियों (Fingers) में, पैरों में—शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों में ठंड के अनुभव करने पर इस औषधि को ध्यान में रखना चाहिए।
3. घी, मांस, नमक से अरुचि, पनीर से विशेष रुचि
- पुराने जुकाम में अगर पनीर (Cheese) के लिए रोगी में बेहद इच्छा (Craving) हो, तो यह औषधि चमत्कारी प्रभाव करती है।
- अरुचि (Aversion): रोगी को घी (Butter/Ghee), मांस (Meat) तथा नमक (Salt) के लिए रुचि नहीं होती।
- केस स्टडी: डॉ. टायलर (Dr. Tyler) ने एक लड़की का उल्लेख किया है जिसे सदा जुकाम सताया करता था। उसे पनीर खाने की प्रबल इच्छा रहती थी। Cistus 6 की मात्रा दिन में 3 बार देने से कुछ दिन में ही उसका रोग ठीक हो गया।
- अगर औषधि का निर्वाचन (Selection) बिल्कुल ठीक हुआ है, तो वह हर शक्ति (Potency) में अपना अमिट प्रभाव दिखलाती है।
4. शीत से रोग-वृद्धि तथा ऊष्णता से आराम
- जैसा हम अभी लिख चुके हैं, रोगी को शीत (Cold) में अत्यन्त कष्ट होता है, उसे गर्मी (Heat) से आराम मिलता है।
- गर्मी की चाह: नाक की सर्दी में वह स्टोव (Stove) के पास जाकर गर्म हवा अन्दर लेना चाहता है।
- आंतरिक ठंड: रोगी को छूआ जाए, तो त्वचा इतनी ठंडी नहीं महसूस होती जितना वह भीतर से ठंडक (Internal Coldness) अनुभव किया करता है।
5. कण्ठमालाग्रस्त-धातु का रोगी (Patient of Scrofulous Diathesis)
- कण्ठमालाग्रस्त-धातु (Scrofulous Diathesis - ग्रंथियों की सूजन की प्रवृत्ति) का शरीर Calcarea Carb की तरह Cistus में भी पाया जाता है।
- शरीर की गिल्टियां (Glands) दोनों औषधियों में बढ़ जाती हैं। दोनों को सर्दी सताती है। दोनों में क्षय-रोग (Tuberculosis) की संभावना होती है। दोनों में परिश्रम से थकान हो जाती है, सांस भारी आने लगता है, पसीना (Sweat) आदि सब दोनों औषधियों में एक से हैं।
- कण्ठमाला-ग्रस्त रोगी के लिए औषधि का निर्वाचन करते हुए इन दोनों औषधियों को ध्यान में रखना चाहिए।
- डॉ. केंट (Dr. Kent) एक रोगी का उल्लेख करते हुए लिखते हैं कि उसके उक्त लक्षणों में Calcarea Carb ठीक नहीं बैठता था, Cistus ने उसे ठीक कर दिया।
6. अंगुलियों का एग्ज़ीमा (Eczema of Fingers)
- सर्दी से हाथ की अंगुलियाँ फट (Crack) जाती हैं। ठंडे पानी से हाथ धोने से अंगुलियों में छिलकेदार ज़ख्म (Fissures/Cracks) हो जाते हैं, खून तक निकलने लगता है। इन शिकायतों में इस औषधि से लाभ होता है।
7. शक्ति तथा प्रकृति (Potency and Nature)
- शक्ति: 30, 200।
- यह औषधि दीर्घ-क्रिया (Deep acting) करने वाली है। सोरा दोष (Psora Miasm) से दूषित, कण्ठमालाग्रस्त-धातु के शरीर में लाभप्रद है।
- औषधि 'सर्द' (Chilly) प्रकृति के लिए है।
प्रकृति (Modalities) - लक्षण कम या ज्यादा होना
लक्षणों में वृद्धि (Worse):
- ठंडी हवा (Cold air) से रोग में वृद्धि।
- मानसिक-उत्तेजना (Mental Excitement) से रोग-वृद्धि।
- शाम को (Evening) रोग का बढ़ जाना।
लक्षणों में कमी (Better):
- गर्मी (Heat) से रोग में कमी।
- श्लेष्मा (Mucus) निकलने से रोग में कमी (नाक फिर भरने पर आराम मिलता है)।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न 1: Cistus Canadensis का सबसे विचित्र लक्षण क्या है?
उत्तर: इसका सबसे विचित्र लक्षण है—"जुकाम के दौरान जब नाक साफ कर दी जाती है (खाली हो जाती है), तब दर्द और जलन होती है, और जब नाक फिर से भर जाती है तो आराम मिलता है।" साथ ही "पनीर (Cheese) खाने की तीव्र इच्छा" होना।
प्रश्न 2: क्या यह दवा ठंड लगने की समस्या में काम आती है?
उत्तर: जी हां, यह एक 'सर्द' (Chilly) प्रकृति की दवा है। यदि रोगी को बहुत ज्यादा ठंड लगती है, गले या छाती में ठंडा महसूस होता है और ठंडी हवा से तकलीफ बढ़ती है, तो Cistus बहुत लाभकारी है।
प्रश्न 3: Cistus और Calcarea Carb में क्या समानता है?
उत्तर: दोनों दवाएं उन रोगियों के लिए हैं जिनकी ग्रंथियां (Glands) सूज जाती हैं, जिन्हें ठंड जल्दी लगती है और जो शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं।