Aurum Metallicum – ऑरम मेटैलिकम (सोना)
ऑरम मेटैलिकम के व्यापक लक्षणों को जानें। यह दवा गृह कलह, शोक या व्यापार हानि से उत्पन्न गहन निराशा, सिफिलिस जनित हड्डी के क्षय और हाई ब्लड प्रेशर में अत्यंत उपयोगी है। Aurum Met | ThinkHomeo
ऑरम मेटैलिकम एक 'गर्म' (Hot) प्रकृति की औषधि है, जो 'सर्द' (Chilly) प्रकृति के लक्षणों को भी दर्शाती है (जैसे खुली हवा की इच्छा)। यह धातु होने के कारण शरीर की संरचनात्मक (structural) समस्याओं, विशेष रूप से हड्डियों, ग्रंथियों और हृदय पर गहरा प्रभाव डालती है।
मुख्य लक्षण तथा रोग (GENERALS AND PARTICULARS):
- जीवन से निराशा: मरने की या आत्मघात करने की उत्कट इच्छा (Suicidal Tendency)।
- निराशा का कारण: गृह कलह, व्यापार-हानि, शोक-सन्ताप (Grief, loss, domestic strife)।
- हड्डियों का क्षय: आतशक (Syphilis) या पारा-दोष (Mercury Poisoning) जनित टीबिया, कान, नाक, तालु आदि हड्डियों का क्षय तथा उनमें दर्द।
- दृष्टि दोष: एक वस्तु के दो दिखना (Diplopia) या वस्तु का सिर्फ नीचे का हिस्सा दिखना।
- ग्रंथि शोथ: अंडकोशों का सूखना या बड़े लोगों में उनका सख्त हो जाना।
- ग्रन्थियों के शोथ को दूर करना।
- हाई-ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) की मुख्य औषधि।
प्रकृति (MODALITIES)
लक्षणों में कमी (Better):
- ठंडी, खुली हवा पसन्द।
- ठंडे पानी से स्नान पसन्द।
- गर्म हो जाने से रोग में कमी।
- घूमने से रोग में कमी।
लक्षणों में वृद्धि (Worse):
- सूर्यास्त से सूर्योदय तक (Sunset to Sunrise) - रात को वृद्धि।
- मानसिक क्षोभ (Mental anguish) से वृद्धि।
- निराशाजनक घरेलू मामलों से रोग बढ़ना।
- शीत-ऋतु (Winter) में रोग की वृद्धि।
(1) जीवन से निराशा और आत्मघात की उत्कट इच्छा
- मनुष्य में उसके आन्तरिक-जीवन को प्रकट करने वाले मन तथा हृदय-ये दो अंग हैं। मन उसके मानसिक-जीवन को सूचित करता है, हृदय उसके हार्दिक-जीवन को सुचित करता है।
- मानसिक-जीवन का अर्थ है-चिंतन, वृद्धि आदि तथा हार्दिक-जीवन का अर्थ है-उसका जीवन के प्रति प्रेम, उसके जीवन के प्रति भाव आदि।
- कभी-कभी मनुष्य ऐसी परिस्थितियों में पड़ जाता है जबकि मानसिक शक्ति द्वारा यह जानते हुए भी कि वह जो कुछ अनुभव कर रहा है वह ठीक नहीं है. तब भी उसके हार्दिक-भाव इतने बिगड़ जाते हैं कि वह जीवन के प्रति निराशा की दृष्टि से देखने लगता है, और यह निराशा इस हद तक पहुंच जाती है कि उसमें जीने की चाह भी नहीं रहती, वह मरना चाहता है, कभी-कभी आत्मघात की उत्कट-इच्छा उस पर सवार हो जाती है और अनेक बार ऐसे रोगी आत्मघात कर बैठते हैं।
- यह औषधि हार्दिक-भावों (Cardiac emotions) के विक्षिप्त हो जाने को सूचित करती है।
- रोगी जीवन के प्रति निराशा की दृष्टि से देखने लगता है। यह निराशा इस हद तक पहुँच जाती है कि उसमें जीने की चाह भी नहीं रहती। वह मरना चाहता है और कभी-कभी आत्मघात (Suicide) की उत्कट-इच्छा (intense desire) उस पर सवार हो जाती है।
- रोगी की बुद्धि (intellect) विक्षिप्त नहीं होती, परन्तु हार्दिक-भाव (affections) बिगड़ जाते हैं और वह बैठा-बैठा आत्मघात के उपाय सोचा करता है। यह दवा हृदय के आत्मघात के विचारों को एकदम बदल देती है।
(2) निराशा का कारण- गृह कलह, व्यापार में हानि, शोक-सन्ताप आदि
- इस विकट मानसिक स्थिति का कारण अक्सर गृह कलह (Domestic Strife), व्यापार में बड़ी हानि (Business Loss), या पुत्र-वियोग, पति-वियोग, पत्नी-वियोग (Grief/Loss) जैसा गहरा शोक हो सकता है।
- रोगी अकेला बैठकर इन्हीं निराशा के विचारों में लीन रहता है।
- छोटी-छोटी बात से चिढ़ने (irritability) लगता है, झट-से गुस्से से भड़क (flares up) उठता है, और एकदम उत्तेजित (agitated) हो जाता है।
- यह निराशा पागलपन (insanity) का रूप धारण कर सकती है।
- जब रोगी इस हालत में पहुंच जाता है कि इन विचारों की पकड़ में अकेला बैठा किसी से बोलता तक नहीं, अगर उसे इस मानसिक स्थिति से निकालने के लिये कुछ कहा जाय तो एकदम भड़क उठता है, तब यह दवा हृदय में संतुलन ला देती है।
ऑरम (Aurum) और अन्य औषधियों में आत्मघात की इच्छा की तुलना:
- ऑरम (Aurum): घरेलू कारणों, आतशक (Syphilis) या पारा-दोष (Mercury) जनित हताशा के कारण मरने की इच्छा।
- नेजा (Naja): दिल की बीमारी (heart disease) के कारण मरने की इच्छा।
- आर्सेनिक (Arsenic) / नक्स (Nux Vomica): मरने की इच्छा तो रहती है, परन्तु रोगी मरने से डरता है।
- सिमि(Cimicifuga), इग्ने (Ignatia), लैक (Lachesis), एसिड फॉस (Acid Phos): किसी के प्रेम से निराशा (disappointment in love) होने के कारण मरने की इच्छा।
- कॉस्टिकम (Causticum), कोलचिकम (Colchicum), इग्नेशिया (Ignatia) : किसी गंभीर शोक या वियोग के कारण मरने की इच्छा।
(3) आतशक(Syphilis) या पारा-दोष-जनित टीबिया या कान, नाक, तालु आदि अन्य हड्डियों का क्षय तथा दर्द
- जिन लोगों को आतशक (Syphilis) होता है या जिन्होंने किसी भी अन्य रोग में पारे (Mercury) से इलाज कराया हो, वे रोगी हताश और निराश रहने लगते हैं।
- आतशक के रोग से, तथा पारे के इलाज से उसे घुटने के नीचे की हड्डी 'टीबिया' में शोथ, दर्द होता है, कान, नाक, तालु की हड्डियां भी सड़ने (decay/necrosis) लगती हैं।
- आतशक से जिगर पर भी प्रभाव प्रड़ता है, हृदय पर आतशकजनित-गठिये का असर होने लगता है।
- हड्डी के परिवेष्टन (Periosteum) में ऐसा दर्द होता है मानो कोई चाकू से छील रहा हो।
- इन रोगों में जोड़ों में दर्द (Arthritis), गठिये का दर्द (Rheumatism), जोड़ों की हड्डियों में शोथ (inflammation), शरीर की ग्रन्थियों में शोथ आदि उत्पन्न हो जाते हैं जिनको ऑरम दूर कर देता है।
- इन सब लक्षणों की रात में वृद्धि (Sunset to Sunrise) होती है।
(4) दृष्टि दोष: एक के दो, या वस्तु का सिर्फ नीचे का हिस्सा दिखना
- यह औषधि एक वस्तु की जगह दो दिखाई देने (Diplopia) के लिए विशिष्ट है। इसका एक विशिष्ट लक्षण यह है कि रोगी को वस्तु का सिर्फ नीचे का हिस्सा दीखता है, ऊपर का न दीखना।
(तुलना: ऐसिड म्यूर (Acid Mur) में नीचे या ऊपर कोई भी हिस्सा दिखाई दे सकता है। सिर्फ बायीं तरफ का हिस्सा दीखना कैलकेरिया (Calcarea), लिथियम (Lithium) तथा लाइकोपोडियम (Lycopodium) में पाया जाता है।)
(5) पोतों का सूखता जाना या सख्त हो जाना
- बच्चों में: अंडकोश (Testicles) सूखते जाते हैं (Atrophy)।
(तुलना: आयोडियम (Iodium) में भी अंडकोश सूखते हैं, परन्तु उसमें खाने की तीव्र इच्छा बनी रहती है और और सिर्फ अंडकोश ही नहीं सारा शरीर सूखता जाता है।)
- वयस्कों में: अंडकोश फूल जाते हैं या सख्त (indurated) हो जाते हैं।
(6) शरीर की ग्रन्थियों (Glands) के शोथ (inflammation) को दूर करना
- गले में, बाजुओं की कोख में, पेट में, जांघों के जोड़ में, स्त्री के स्तनों में, अंडकोश तथा डिम्बकोश (Ovaries) जैसी सभी ग्रन्थियों (Glands) के शोथ (inflammation) को ऑरम आश्चर्यजनक रूप दूर करता है।
- हनीमैन ने एक रोगी को इसी ग्रन्थि रोग में शक्तिकृत ऑरम दिया परन्तु कुछ लाभ न हुआ। उसके बाद हनीमैन ने ऑरम का 15 शक्ति तक 'मर्दन' (Trituration) किया, तब औषधि ने फौरन काम किया।
- हनीमैन का कथन है कि पहली मात्रा में ऑरम बहुत नीची शक्ति का था इसलिये जीवनी-शक्ति के केन्द्रीय-स्तर को नहीं छू सका था। उच्च-शक्ति में पहुँच कर उसकी शक्ति इतनी बढ़ गई कि वह जीवनी शक्ति के केन्द्रीय-स्तर को, जहां से रोग की शुरूआत होती है, छू सका।
- हनीमैन के कहने का अभिप्राय यह है कि उच्च-शक्ति निम्न-शक्ति की अपेक्षा अधिक कार्यकर होती है।
- सोना (Gold) आदि ठोस पदार्थ घुल नहीं सकते, परन्तु हनीमैन ने जिस प्रक्रिया को खोज निकाला उसके अनुसार जब 'मर्दन' से ये ठोस पदार्थ अत्यन्त सूक्ष्म हो जाते हैं, तब अलकोहल में अपने सूक्ष्मतम परमाणुओं के रूप में धुल जाते हैं। इसी प्रकार सांना, चांदी आदि धातुओं की उच्च शक्ति की औषधि बनाई जाती है।
(7) हाई-ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure)
- रुधिर का एक स्थान पर जमाव (Congestion) इस औषधि का विशेष लक्षण है। इसीलिये हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) में ऑरम 30 की मात्रा रोग को ठीक कर देती है।
(हाई ब्लड प्रेशर में बैराइटा म्यूर (Baryta Mur) 6x, ग्लोनॉयन (Glonoin) और डिजिटेलिस (Digitalis) भी ध्यान देने योग्य है।)
(8) अन्य महत्वपूर्ण लक्षण
- रात में वृद्धि (Night Aggravation): पारे के सभी रोगों की तरह इसमें तकलीफ शाम को शुरू होकर सारी रात रहती है। हड्डियों का दर्द घनघोर (violent) होता है।
- खुली हवा की इच्छा: रोगी पल्सेटिला (Pulsatilla) की तरह खुली हवा चाहता है। अन्तर यह है कि पल्सेटीला रोगी कोमल, मृदु स्वभाव का होता है जबकी, ऑरम का स्वभाव पल्स से उल्टा होता है - यह चिड़चिड़ा (irritable) और क्रोधी (angry) होता है।
- लिपटे रहने की इच्छा: वह खुली हवा पसन्द करते हुए भी कपड़ा लपेटे रहना (wishes to be covered) पसन्द करता है।
- अपवाद: जब रोगी अत्यधिक उत्तेजना से परेशान हो, तब वह दरवाजे और खिड़कियां खुलवा देना चाहता है और शरीर का कपड़ा फेंक देना चाहता है।
- सिर लपेटना: सिर-दर्द में रोगी सिर को लपेट लेना चाहता है।
(तुलना: फॉसफोरस (Phosphorus) शरीर को लपेटना और सिर को खुला रखना चाहता है, जैसा कि आर्सेनिक (Arsenic) में भी होता है।)
- दमा (Asthma): दमे में भी ऑरम का रोगी खुली हवा चाहता है, गर्मी से उसके दमे में वृद्धि हो जाती है।
- मासिक-धर्म के बाद की तरेरें (Flushes of Heat): स्त्रियों को मासिक-धर्म के बन्द होने पर जैसी तरेरें आती हैं, वैसी तरेरें ऑरम में भी पायी जाती हैं।
(9) शक्ति तथा प्रकृति
- शक्ति (Potency): 6, 30, 200।
- प्रकृति (Nature): औषधि 'गर्म' (Hot)-प्रकृति के लिये है, परन्तु कई बातों में 'सर्द' (Chilly) प्रकृति के लक्षणों को भी दर्शाती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) - ऑरम मेटैलिकम (Aurum Metallicum)
Q1. ऑरम मेटैलिकम (Aurum Metallicum) क्या है?
ऑरम मेटैलिकम होम्योपैथी में इस्तेमाल होने वाली एक दवा है जिसे शुद्ध सोने (Metallic Gold) से तैयार किया जाता है। यह उन होम्योपैथिक दवाओं में से एक है जिन्हें "किंग ऑफ़ रेमेडीज़" (King of Remedies) कहा जाता है, खासकर गंभीर और पुरानी बीमारियों के लिए।
Q2. ऑरम मेटैलिकम के मुख्य उपयोग क्या हैं?
ऑरम मेटैलिकम मुख्य रूप से गंभीर मानसिक लक्षणों के लिए जानी जाती है, विशेष रूप से:
- गहरा अवसाद (Profound Depression): जिसमें उदासी, निराशा, जीवन से मोहभंग और आत्म-घृणा की भावनाएं प्रबल होती हैं।
- आत्मघाती विचार (Suicidal Thoughts): यह उन लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण दवा है जिन्हें लगता है कि मृत्यु ही एकमात्र समाधान है।
- हृदय रोग (Heart Conditions): जैसे उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure), धड़कन (Palpitations) और धमनीकाठिन्य (Arteriosclerosis)।
- हड्डी और जोड़ों के रोग (Bone and Joint Diseases): विशेष रूप से हड्डियों में रात में होने वाला तेज दर्द, सिफलिस (Syphilis) से संबंधित हड्डी की बीमारियाँ, और गठिया (Arthritis)।
- आँखों के रोग (Eye Conditions): जैसे ग्लूकोमा (Glaucoma), पुतली का पक्षाघात (Paresis of Iris) और फोटोफोबिया (Photophobia)।
- ग्रंथियों की सूजन (Glandular Swelling): विशेष रूप से वृषण (Testicles) या गर्भाशय (Uterus) में।
Q3. ऑरम मेटैलिकम के मानसिक लक्षण क्या हैं?
ऑरम मेटैलिकम के मानसिक लक्षण बहुत विशिष्ट और तीव्र होते हैं:
- अत्यधिक निराशा और हताशा (Extreme Despair and Hopelessness): व्यक्ति को लगता है कि जीवन में कुछ भी अच्छा नहीं है।
- आत्म-निंदा और आत्म-अपमान (Self-reproach and Self-condemnation): अपनी गलतियों या विफलताओं के लिए खुद को कोसना।
- आत्मघाती प्रवृत्ति (Suicidal Tendency): अक्सर ऊंचाई से कूदने या फांसी लगाने के विचार आते हैं।
- उदास और गंभीर (Sad and Serious): हँसी-मजाक पसंद नहीं।
- अकेले रहना पसंद करना (Desire for Solitude): सामाजिक संपर्क से दूर रहना।
- क्रोध और चिड़चिड़ापन (Anger and Irritability): विशेष रूप से विरोध करने पर।
Q4. इस दवा के शारीरिक लक्षण क्या हैं?
शारीरिक लक्षणों में शामिल हैं:
- तेज, चुभने वाला या फाड़ने वाला दर्द: विशेषकर हड्डियों में, जो रात में और ठंड से बिगड़ता है।
- रात में पसीना (Night Sweats): दुर्बल करने वाला।
- धड़कन (Palpitations): तेज और अनियंत्रित।
- उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure): विशेषकर मानसिक तनाव से।
- मुंह से दुर्गंध (Offensive Breath): और मुंह में धातु जैसा स्वाद।
- ठंड के प्रति संवेदनशीलता (Sensitivity to Cold): ठंड से रोग बढ़ते हैं।
Q5. ऑरम मेटैलिकम के लक्षण कब बिगड़ते और बेहतर होते हैं?
- बिगड़ना (Worse): रात में (विशेषकर मध्यरात्रि के बाद), ठंड से, आराम करते समय, मानसिक प्रयास से, और विवाद/विरोध से।
- बेहतर होना (Better): खुली हवा में, शाम को, संगीत से, और गर्म पेय से।
Q6. क्या ऑरम मेटैलिकम केवल गंभीर मामलों में ही दी जाती है?
नहीं, हालांकि यह गंभीर मानसिक और शारीरिक स्थितियों के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन होम्योपैथिक उपचार में लक्षणों की समग्रता को देखा जाता है। यह बीमारी की गंभीरता के बजाय व्यक्ति के लक्षणों के सटीक मेल पर निर्भर करता है।
Q7. क्या मैं ऑरम मेटैलिकम खुद ले सकता हूँ?
नहीं, ऑरम मेटैलिकम एक गहरी और शक्तिशाली क्रियाशील दवा है, और इसे किसी योग्य होम्योपैथिक चिकित्सक की देखरेख में ही लेना चाहिए। मानसिक लक्षण, विशेष रूप से आत्मघाती विचार, गंभीर होते हैं और इसके लिए पेशेवर मार्गदर्शन आवश्यक है।
Q8. ऑरम मेटैलिकम की तुलना किस अन्य होम्योपैथिक दवा से की जा सकती है?
इसकी तुलना नैट्रम म्यूर (Natrum Mur.), पलसेटिला (Pulsatilla), इग्नेशिया (Ignatia) जैसी दवाओं से की जा सकती है जो डिप्रेशन और दुःख से संबंधित हैं, लेकिन ऑरम मेटैलिकम में निराशा और आत्मघाती विचारों की तीव्रता और गंभीरता इसे अलग करती है। इसके हड्डियों पर प्रभाव के लिए मर्क्यूरियस (Mercurius) से भी तुलना की जाती है।
अस्वीकरण: यह जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है और इसे किसी भी चिकित्सा सलाह या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। होम्योपैथिक दवा का उपयोग हमेशा एक योग्य होम्योपैथिक चिकित्सक के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए।