Baryta Carbonica – बैराइटा कार्बोनिका
बुढ़ापे में याददाश्त की कमी और बच्चों की धीमी वृद्धि के लिए उपयोगी होम्योपैथी दवा है। बैराइटा कार्बोनिका शारीरिक और मानसिक विकास के अभाव, वृद्ध व्यक्तियों में स्मृति लोप तथा बचकाने व्यवहार के लिए अत्यंत उपयोगी है। Baryta Carb के व्यापक लक्षणों को जानें।
बैराइटा कार्बोनिका (Baryta Carbonica) एक दीर्घकालिक (chronic) और गंभीर क्रिया (deep-acting) करने वाली औषधि है, जो शरीर तथा मन के अन्तरतम (deepest layer) पर प्रभाव डालती है। यह विशेष रूप से 'सर्द' (Chilly)-प्रकृति के रोगियों के लिए उपयुक्त है।
मुख्य लक्षण तथा रोग (GENERALS AND PARTICULARS):
- शारीरिक तथा मानसिक विकास का अभाव (Dwarfishness): शारीरिक और मानसिक वृद्धि का रुका होना।
- शारीरिक तथा मानसिक दुर्बलता (Debility): बैराइटा, कैलकेरिया कार्ब (Calcarea Carb) तथा साइलीशिया (Silicea) की तुलना।
- ग्रन्थियों का बढ़ जाना, टांसिल (Tonsils) का सूजना।
- वृद्ध-पुरुषों का बच्चों का-सा आचरण (Childish behavior in old age)।
- वृद्ध-पुरुषों की खांसी (Cough of old people)।
- शीत-प्रधान रोगी (Chilly patient)।
प्रकृति (MODALITIES)
लक्षणों में कमी (Better):
- गर्मी से रोग में कमी।
- एकान्त में रोग में कमी।
लक्षणों में वृद्धि (Worse):
- सर्दी से लक्षणों में वृद्धि।
- रोग वाली करवट सोने से लक्षणों में वृद्धि।
- स्नान से परहेज।
(1) शारीरिक तथा मानसिक विकास का अभाव (Dwarfishness)
- यह औषधि उन बच्चों के लिए है जो हर काम देर से सीखते हैं – देर से चलना, देर से पढ़ना-लिखना।
- मानो उनका शारीरिक (physical) तथा मानसिक (mental) विकास रुका हुआ है।
- लड़कियां 18-19 साल की हो जाने पर भी बच्चों का-सा व्यवहार (childish behavior) करती हैं, गुड़ियों से खेलती हैं।
- विवाह हो जाने पर भी घर-गृहस्थी (household chores) के काम को समझ नहीं पातीं।
- शारीरिक तथा मानसिक विकास की वह प्रक्रिया जो व्यक्ति को पुरुष अथवा स्त्री बनाती है, वह इन रोगियों के लिये रूकी -सी रहती है।
- यह शारीरिक विकास ही नहीं, मानसिक विकास भी रुका रहता है।
- कभी-कभी शरीर का एक अंग बढ़ना रुक जाता है, दूसरे अंग विकसित होते रहते हैं।
(2) शारीरिक तथा मानसिक दुर्बलता में तुलना
- बैराइटा (Baryta Carb): बच्चा थुलथुल न होकर सब अंगों में सूखता जाता है (wasting)। पेट में गिल्टियां (glands) नजर आती हैं। भूख-भूख चिल्लाता है परन्तु खाने से इन्कार करता है।
- कैलकेरिया कार्ब (Calcarea Carb): बच्चा देखने में मोटा-ताजा थुलथुल (flabby) होता है, बहुत जल्दी बढ़ जाता है। सिर और पेट बड़े, गर्दन और पैर पतले होते हैं। बच्चे का शारीरिक तथा मानसिक विकास रुका रहता है।
- साइलीशिया (Silicea): इसमें भी बच्चा सूखता जाता है। बैराइटा तथा साइलीशिया दोनों में पांव से बदबूदार पसीना (offensive foot sweat) निकलता है, शरीर की अपेक्षा सिर वड़ा होता है।
- कैलकेरिया तथा साइलीशिया दोनों में सिर पर पसीना बहुत ज्यादा आता है, बैराइटा में नहीं। साइलीशिया में बैराइटा की तरह मानसिक बौनापन (mental dwarfishness) नहीं होता।
- सूखे की अन्य औषधियों एवं लक्षणों के लिये एब्रोटेनम पर देखें।
(3) ग्रन्थियों का बढ़ जाना, टांसिल का सूजना
- इस रोगी की 'ग्रन्थियां' (Glands) बढ़ जाती हैं, सख्त हो जाती हैं, गले, जांघ, पेट में गिल्टियां (lumps) पड़ जाती हैं।
- गिल्टियां बढ़ जायें और मांस-पेशियां सूख जायें - शरीर बौना और मन गावदी - यह उस रोगी का मूर्त-चित्रण है जिसे बैराइटा कार्ब ठीक कर देता है। गले पर (throat), अर्थात् टांसिल (Tonsils) पर इस औषधि का विशेष प्रभाव है।
- जरा-सी सर्दी लगने से टांसिल बढ़ जाता है, कभी-कभी पक जाता है (suppurates)।
टांसिल में बैराइटा (Baryta Carb) की तुलना:
- बैराइटा (Baryta Carb): एक रात की सर्दी में उसी दिन टांसिल नहीं सूजता, इसे कुछ दिन लग जाते हैं, पकता भी एकदम नहीं, धीरे-धीरे पकता है (slow suppuration)।
- बेलाडोना (Belladonna) और हिपर (Hepar Sulph): टांसिल का आक्रमण यकायक (sudden) और वेग से (violent) होता है, जिस रात सर्दी लगी उसी रात टांसिल सूज जाता है और पक भी जल्दी ही जाता है।
- कैमोमिला (Chamomilla): टांसिल की सूजन में कान में भी दर्द (earache) होता है, गर्मी पहुँचाने से आराम मिलता है, रोगी बड़ा चिड़चिड़ा (irritable) हो जाता है।
(4) वृद्ध-पुरुषों का बच्चों का-सा आचरण
- वृद्ध-पुरुष (old men) बच्चों का-सा आचरण करने लगते हैं, स्मृति-शक्ति लुप्त हो जाती है (loss of memory), चलते हुए डगमगाते हैं (staggering gait), बच्चों का-सा स्वभाव हो जाता है।
- बैराइटा कार्ब का चरित्रगत-लक्षण (characteristic symptom) यह है कि रोगी का सर्वांगीण विकास रुक जाता है (arrested development) - चाहे बच्चे का हो, युवा का हो, वृद्ध का हो।
- जब यह देखा जाय कि सत्तर वर्ष का व्यक्ति बच्चे की तरह आचरण कर रहा है, तब समझना चाहिये कि उसका विकास रुक गया है, उसे बैराइटा लाभ करेगा।
(5) वृद्ध-पुरुषों की खांसी
- बुढ़ापे में कई लोगों को ऐसी खांसी घेर लेती है जो उनका पीछा ही नहीं छोड़ती। छाती में घड़घड़ाहट (rattling) हुआ करती है।
- इस प्रकार की खांसी के लिये कुछ चुनिंदा औषधियों में बैराइटा एक है।
(तुलना: सेनेगा (Senega), ऐमोनियम कार्ब (Ammonium Carb) और बैराइटा म्यूर (Baryta Mur) भी इस प्रकार की खांसी के लिये उपयोगी हैं। ऐमोनियम कार्ब (Ammonium Carb) विशेष रूप से तब जब 70-80 वर्ष के वृद्ध को हर समय छाती में खांसी की घड़घडाहर हो जो गर्मी के दिनों में ठीक रहे और सर्दी के दिनों में बढ़ जाए।)
(6) शीत-प्रधान रोगी (Chilly patient)
- बैराइटा कार्ब शीत-प्रधान (Chilly) औषधि है। रोगी ठंडक सहन नहीं कर सकता। शरीर को ढके रखना चाहता है। कमरे के खिड़की-दरवाजे बन्द रखना पसन्द करता है।
विपरीत लक्षण: यद्यपि उसकी अन्य सब शिकायतें ठंड लगने से बढ़ जाती हैं, उसका सिर-दर्द ठंड से घटता है, सिर पर गर्मी डालने से तकलीफ होती है। यह संपूर्ण शरीर तथा सिर का एक-दूसरे से विपरीतभाव अनेक अन्य औषधियों में भी पाया जाता है, जैसे फॉसफोरस (Phosphorus) और आर्सेनिक (Arsenic)।
(7) शक्ति तथा प्रकृति
- शक्ति (Potency): 30, 200।
- प्रकृति (Nature): औषधि 'सर्द' (Chilly)-प्रकृति के लिये है।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. बैराइटा कार्बोनिका (Baryta Carbonica) के मुख्य रोगी कौन होते हैं?
इसके मुख्य रोगी वे बच्चे होते हैं जिनका शारीरिक और मानसिक विकास रुका हुआ (Dwarfishness) होता है, साथ ही वे वृद्ध-पुरुष जो बच्चों जैसा आचरण करते हैं, जिनकी स्मृति-शक्ति (memory) कम हो जाती है।
Q2. बैराइटा कार्बोनिका का ग्रंथियों और टांसिल पर क्या प्रभाव होता है?
यह दवा ग्रन्थियों (Glands) को बढ़ने और सख्त होने से रोकती है। टांसिल (Tonsils) के बार-बार सूजने और धीरे-धीरे पकने (slow suppuration) की प्रवृत्ति में यह विशेष रूप से प्रभावी है, खासकर जब यह थोड़ी-सी सर्दी लगने से होती हो।
Q3. बैराइटा कार्बोनिका (Baryta Carb) के रोगी की प्रकृति कैसी होती है?
बैराइटा कार्बोनिका का रोगी शीत-प्रधान (Chilly patient) होता है, जिसे ठंड बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होती। वह खुद को ढके रखना पसंद करता है और बन्द कमरा पसंद करता है, हालांकि उसका सिर-दर्द ठंड से बेहतर होता है।
Q4. बैराइटा कार्बोनिका और कैलकेरिया कार्ब (Calcarea Carb) में बौनेपन में क्या अंतर है?
कैलकेरिया कार्ब का बच्चा मोटा-ताजा और थुलथुल होता है, जबकि बैराइटा कार्ब का बच्चा सूखा और दुर्बल (wasting) होता है, जिसके पेट में अक्सर गिल्टियां (glands) महसूस होती हैं।
Q5. क्या बैराइटा कार्बोनिका वृद्धों की खांसी में उपयोगी है?
हाँ, यह उन वृद्धों के लिए एक प्रमुख दवा है जिन्हें बुढ़ापे में लगातार खांसी (chronic cough in old age) रहती है और छाती में घड़घड़ाहट (rattling) महसूस होती है, खासकर जब लक्षण सर्दी में बढ़ते हों।