Antimonium Tartaricum – ऐन्टीमोनियम टार्टारिकम
ऐन्टिमोनियम टार्ट (Antimonium Tart) के व्यापक लक्षणों को जानें, जिसमें कफ निकालने में असमर्थता से फेफड़ों में घड़घड़ाहट, वमन के बाद निद्रासापन, पसली चलना, और श्वसन रोग में उठकर बैठने से आराम शामिल है।
ऐन्टिमोनियम टार्ट (Antimonium Tart) एक प्रमुख होम्योपैथिक औषधि है, जो विशेष रूप से उन श्वसन रोगों के लिए जानी जाती है जहाँ अत्यधिक कमजोरी के कारण रोगी कफ निकालने में असमर्थ हो जाता है।
मुख्य लक्षण तथा रोग (GENERALS AND PARTICULARS):
- फेफड़े (Lungs) में श्लेष्मा (Mucus) के जमा हो जाने के कारण घड़-घड़ शब्द होना परन्तु उसे निकाल न सकना।
- उल्टी (Vomiting) तथा कमजोरी (Weakness) के कारण निंदासापन (Drowsiness) होना तथा ठंडा पसीना आना (जैसे हैजे (Cholera) आदि में)।
- बच्चों का पसली चलना (Bronchitis/Pneumonia in children)।
- श्वास रोग में बिस्तर पर उठकर बैठने से आराम।
- मृत्यु-समय की घड़घड़ाहट (Death Rattle)।
- ऐन्टिम क्रूड (Antim Crud) और ऐन्टिम टार्ट की तुलना।
- चेचक (Smallpox/Chickenpox) में यह उपयोगी है।
प्रकृति (MODALITIES)
लक्षणों में कमी (Better):
- खाँसी में कफ निकलने पर रोगी को आराम महसूस होना।
- बैठने से रोग में कमी होना।
- खुली हवा से रोग में कमी होना।
लक्षणों में वृद्धि (Worse):
- गर्म कमरे में रोग का बढ़ना।
- ठंड से रोग का बढ़ना।
- नमी से रोग का बढ़ना।
- लेटने से रोग का बढ़ना।
(1) फेफड़े में श्लेष्मा के जमा होने से घड़-घड़ शब्द होना परन्तु उसे निकाल न सकना
- फेफड़े (Lungs) में श्लेष्मा (Mucus) के जमा होने के कारण जब घड़-घड़ शब्द (rattling sound) सुनाई देने लगे, कफ भरा हो, परन्तु प्रयत्न करने पर भी वह न निकले, निकले तो अत्यंत थोड़ा, बच्चों तथा बूढ़ों के फेफड़ों की ऐसी अवस्था मेंऐन्टिम टार्ट (Antimonium Tart)कभी-कभी रोगी को मृत्यु से खींच निकालता है।
- फेफड़े (Lungs) के हर प्रकार के रोग में जब छाती में कफ भरा हो, घड़-घड़ करता हो, चाहे जुकाम हो, ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) हो, क्रूप (Croup) हो, कुर खांसी (Croupy cough) हो, ब्रोंको न्यमोनिया (Bronchopneumonia)हो, न्यूमोनिया (Pneumonia)हो, प्लूरो-न्यूमोनिया (Pleuro-pneumonia)हो, तब यह प्रमुख औषधि का काम करती है।
- न्यूमोनिया (Pneumonia)में खाँसी का घट जाना उत्तम लक्षण नहीं है। यह बढ़ती हुई कमजोरी को सूचित करता है।
न्यूमोनिया (Pneumonia) में ऐन्टिम टार्ट की ब्रायोनिया (Bryonia) तथा इपिकाक (Ipecac) से तुलना:
- श्वास प्रणालिका (Bronchial tubes)के शोथ में, ब्रोंकाइटिस (Bronchitis), न्यूमोनिया (Pneumonia)आदि में शुरू-शुरू में ब्रायोनिया (Bryonia), इपिकाक (Ipecac) आदि औषधि से काम चल जाता है।
- सांस लेने में दर्द हो, दर्द की तरफ लेटने से आराम हो, खांसी साथ हो, तब ब्रायोनिया (Bryonia) के लक्षण समझने चाहियें;
- न्यूमोनिया में श्लेष्मा (Mucus) के साथ घड़-घड़ शब्द हो और रोगी में श्लेष्मा को निकालने की ताकत हो, तब इपिकाक (Ipecac) के लक्षण समझने चाहियें;
- श्लेष्मा (Mucus) के साथ घड़-घड़ शब्द हो परन्तु रोगी इतना निर्बल (extremely weak) हो जाय कि कफ को निकाल न सके, अन्दर ही घड़-घड़ करता रहे, तब ऐन्टिम टार्ट (Antimonium Tart)के लक्षण समझने चहियें।
- ऐन्टिम टार्ट (Antimonium Tart)की अवस्था बाद को आती है जब रोगी अत्यन्त कमजोर (extremely weak)हो जाता है, कफ को निकाल सकने की ताकत भी नहीं रहती।
श्लेष्मा (Mucus) न निकाल सकने पर बच्चों में कैलि सल्फ (Kali Sulph) तथा बूढ़ों में ऐन्टिम टार्ट (Antimonium Tart):
- अगर बच्चा सशक्त हो, कमजोर न हो गया हो, अगर उसके फेफड़ों का श्लेष्मा कमजोरी के कारण घड़घड़ न करता हो, वह उसे निकाल सकता हो, तब कैलि सल्फ (Kali Sulph)उत्तम औषधि है।
- बूढ़े लोगों में जिनका छाती का श्लेष्मा कमजोरी (weakness) के कारण नहीं निकल पाता, ऐन्टिम टार्ट (Antimonium Tart) उपयोगी है क्योंकि कमजोरी (weakness)इसका प्रधान लक्षण है।
- एकोनाइट (Aconite), बेलाडोना (Belladonna), इपिकाक (Ipecac) तथा ब्रायोनिया (Bryonia) में रोग प्रबल वेग से आक्रमण करता है, इसलिये एकाएक रोग के वेग से आक्रमण होने परऐन्टिम टार्ट (Antimonium Tart)नहीं दिया जाता, ऐन्टिम टार्ट (Antimonium Tart)का रोग धीरे-धीरे, हल्का बुखार, ठंडा पसीना (cold sweat), शीत का अनुभव और अत्यंत शक्तिहीनता (extreme prostration)के साथ श्वास नालिका में श्लेष्मा की घड़घड़ाहट (rattling)होना-ऐसा है।
- यह अवस्था वृद्धावस्था (old age) में विशेष रूप से पायी जाती है।
(2) उल्टी (vomiting) तथा कमजोरी के कारण निंदासापन होना तथा ठंडा पसीना आना (जैसे हैजे आदि में)
- एलोपैथी में ऐन्टिम टार्ट (Antimonium Tart)उल्टी (vomiting)की दवा है। यही कारण है होम्योपैथी में अत्यन्त उबकाई (severe nausea)तथा उल्टी (vomiting)में इसे दिया जाता है परन्तु इस उबकाई तथा उल्टी के साथ निंदासापन (drowsiness) भी होना चाहिये।
- कमजोरी (weakness)इस दवा का व्यापक-लक्षण (general symptom)है, इसी कमजोरी के कारण निंदासापन (drowsiness)या निद्रालुभाव (sleepiness)उत्पन्न हो जाता है।
- उबकाई तथा उल्टी इपिकाक (Ipecac) में भी है, परन्तु इन दोनों में भेद यह है कि ऐन्टिम टार्ट (Antimonium Tart)में उल्टी (vomiting)हो जाने के बाद रोगी निद्रालु (sleepy) हो जाता है, उल्टी से उसेआराम मिल जाता है, इपिकाक (Ipecac) में उल्टी हो जाने के बाद भी जी मिचलाता (nauseated) रहता है, उसे आराम नहीं मिलता।
- हैजे (Cholera) में उबकाई, निंदासापन (drowsiness) और कमजोरी (weakness)ये तीनों पायी जाती हैं, इसलिये ऐन्टिम टार्ट (Antimonium Tart)हैजे की उत्तम दवा है। हैजे में रोगी को उल्टी के बाद चैन भी पड़ जाता है।ऐन्टिम टार्ट (Antimonium Tart)में प्यास का न लगना भी इसका चरित्रगत लक्षण (characteristic symptom)है। हैजे की इस अवस्था में प्रत्येक उल्टी (vomiting)के बाद इस औषधि की 30 शक्ति (potency) की एक मात्रा देने से रोगी अच्छा हो जायगा।
- हैजे (Cholera) में वेरेट्रम ऐल्बम (Veratrum Album) भी बहुत लाभ करता है। हनीमैन (Hahnemann) ने जब हैजे के रोगियों को नहीं देखा था तब इसके लक्षणों को सुन कर उन्होंने सलाह दी थी कि हैजे में जिसमें उल्टी (vomiting) तथा दस्त (diarrhea)आते हों, माथे पर ठंडा पसीना (cold sweat)आता हो, शरीर में ऐंठन (cramps) होती हो, ऐसी हालत में वेरेट्रम ऐल्बम (Veratrum Album)विशेष उपकारी होगी।
- हैजे के लिये उन्होंने तीन दवाओं की ओर संकेत किया था- वेरेट्रम ऐल्वम (Veratrum Album), कैम्फर (Camphor) और क्यूप्रम (Cuprum)। जब उल्टी तथा दस्तों की प्रधानता हो तब वेरेट्रम (Veratrum), जब उल्टी-दस्त के साथ शीतपन (coldness)की प्रधानता हो तब कैम्फर (Camphor) और अब इसके साथ ऐंठनों (cramps) की प्रधानता हो तब क्यूप्रम (Cuprum)।
न्यूमोनिया में घड़घड़ाहाट के साथ निंदासापन:
- न्यूमोनिया (Pneumonia) से पीड़ित रोगी जब फेफड़ों में कफ भर जाने के बाद घड़घड़ाने लगता है, और कमजोरी इतनी हो जाती है कि कफ को बाहर नहीं धकेल सकता, तब इस घड़घड़ाहट के साथ रोगी मेंनिद्रालुपन (sleepiness)भी आ जाता है। इस समय घड़घड़ाहट (rattling)और निंदासपन (drowsiness)-इन दो लक्षणों मेंऐन्टिम टार्ट (Antimonium Tart)और ओपियम (Opium) दोनों औषधियां लक्षित हैं, परन्तु इनमें भेद यह है कि ओपियम (Opium) में रोगीअत्यंत गंभीर निद्रा (very deep sleep)में होता है, चेहरा कालिमा लिये हुए लाल (dark reddish), आंखें अधखुली (half-open), सांस खर्राटेदार (snoring) होती है, ऐन्टिम टार्ट (Antimonium Tart) में चेहरा पीला, लालिमारहित (pallid), शरीर पर ठंडा पसीना (cold sweat)होता है और खर्राटे बहुत जोर से नहीं निकलते।
(3) बच्चों की पसली चलना
- बच्चों की पसली चलने (respiratory distress)में यह दवा अमृत (nectar) है।
- इस रोग में दवा का व्यापक लक्षण (general symptom)छाती का घड़घड़ करना तथा निंदासापन (drowsiness)होना चाहिये।
- नवजात शिशु का जब दम घुटता (suffocation)नजर आये, छाती में घड़घड़ाहट (rattling)हो, चेहरा नीला (cyanotic)पड़ गया हो, तब भी यह दवा उपयोगी है।
(4) श्वास-रोग में बिस्तर पर उठ कर बैठने से आराम
- सांस की बीमारी में जब रोगी का दम घुटता (suffocates)हो, फेफड़ों में पर्याप्त हवा न पहुँच पाती हो, लेटे रहने से खांसी बढ़ती हो, घड़घड़ाहट (rattling) हो, श्लेष्मा (mucus) न निकलता हो, उठ कर बैठने से चैन पड़ता है, तब यह दवा देनी चाहिये।
(5) मृत्यु-समय की घड़घड़ाहट (Death Rattle)
- मृत्यु निकट (death approaching)आने पर प्रायः सांस रुकने लगता है, फेफड़ों की कफ अन्दर फंसी रहती है, खड़-खड़ शब्द (rattling sound) सुनाई पड़ता है जिसे अंग्रेजी में death rattle कहते हैं। उस समय इस दवा को देने से रोगी कीबेचैनी (restlessness)दूर हो जाती है और वह आराम से मरता है।
(6) ऐन्टिम क्रूड (Antim Crud) और ऐन्टिम टार्ट (Antim Tart) की तुलना
- दोनों दवाओं में बच्चा छूना, बोलना, उसकी तरफ ताकना पसन्द नहीं करता, दोनों दवाओं में बच्चा चिड़चिड़ा (irritable) होता है, दोनों दवाओं में रोगी खुली हवा पसन्द करता है, बन्द कमरे में उसका दम घुटता है, जीभ सफेद होती है, परन्तु फिर भी दोनों शीत-प्रधान रोगी (chilly patients), हैं, ठंडे पानी के स्नान से तकलीफें बढ़ जाती हैं। इस समानता के बाद इनमें भेद यह है कि ऐन्टिम क्रूड (Antim Crud) मुख्य तौर पर पेट के रोगों मेंऔर ऐन्टिम टार्ट (Antim Tart) श्वास प्रणालिका (respiratory tract) के रोगों मेंकाम आता है।
(7) चेचक में उपयोगी
डॉ० यूनान (Dr. Yunan) ने लिखा है कि जब भी होम्योपैथ किसी रोगी के लक्षण पूछता है तब यह अवश्य पूछता है कि रोगी ने चेचक (smallpox/chickenpox)का टीका कितनी बार लिया है। अगर मालूम पड़े कि ऐसा टीका कई बार लिया गया है, तो इस विष (poison) का प्रतिशोध (antidote) करने के लिये मर्क्यूरियस (Mercurius), थूजा (Thuja) या ऐन्टिम टार्ट (Antimonium Tart) दिया जाता है। मामूली चेचक में यह उपयोगी औषधि है।
इस औषधि के अन्य लक्षण
i. इस औषधि में प्यास नहीं रहती।
ii. प्रातःकाल 3 बजे दम घुटता है, उठ कर बैठने से आराम मिलता है।
iii. थूक में खून मिला होता है, और यह थूक बर्तन को चिपक जाता है (adheres)।
iv. जैसे कार्बोवेज (Carbo Veg)तथा आर्सेनिक (Arsenic) अन्त समय की दवा हैं, वैसे ऐन्टिम टार्ट (Antimonium Tart)भी अन्त समय की दवा है, जब रोगी का सांस घड़घड़ करने लगता है।
शक्ति तथा प्रकृति
30, 20 (रोगी नमी में ठीक नहीं रहता)।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. ऐन्टिमोनियम टार्ट (Antimonium Tart) का उपयोग किन मुख्य श्वसन समस्याओं में होता है?
ऐन्टिमोनियम टार्ट का उपयोग उन सभी श्वास-प्रणाली (respiratory tract) रोगों में होता है, जैसे ब्रोंकाइटिस (bronchitis) या न्यूमोनिया (pneumonia), जहाँ रोगी अत्यधिक कमजोरी (weakness) के कारण फेफड़ों में जमा श्लेष्मा (mucus) को खांसकर बाहर निकाल नहीं पाता और छाती में घड़घड़ाहट (rattling in chest) होती है।
Q2. ऐन्टिमोनियम टार्ट में वमन (Vomiting) और इपिकाक (Ipecac) में क्या अंतर है?
ऐन्टिमोनियम टार्ट में वमन (vomiting) के बाद रोगी को आराम मिलता है और वह निद्रालु (drowsy) हो जाता है। इसके विपरीत, इपिकाक (Ipecac) में उल्टी होने के बाद भी जी मिचलाना (nausea) बना रहता है, और रोगी को आराम नहीं मिलता।
Q3. श्वास रोग के दौरान रोगी को किस मुद्रा में आराम मिलता है?
ऐन्टिमोनियम टार्ट के रोगी को श्वास-रोग (respiratory illness) में लेटे रहने से तकलीफ बढ़ती है, लेकिन बिस्तर पर उठकर बैठने से (worse lying down, better sitting up) आराम महसूस होता है, क्योंकि उठकर बैठने से फेफड़ों पर दबाव कम होता है।
Q4. क्या यह दवा मृत्यु के समय भी उपयोगी है?
हाँ, जब मृत्यु निकट (death approaching) हो और रोगी की श्वास घड़घड़ाने (death rattle) लगे लेकिन कफ बाहर न निकल पाए, उस समय ऐन्टिमोनियम टार्ट (Antimonium Tart) देने से रोगी को बेचैनी (restlessness) दूर होती है और उसे आराम मिलता है।
Q5. किन लक्षणों के आधार पर यह दवा बच्चों की 'पसली चलने' (bronchitis) में दी जाती है?
बच्चों में पसली चलने (respiratory distress) के रोग में जब छाती घड़घड़ कर रही हो और बच्चा निंदासापन (drowsiness) या कमजोरी महसूस कर रहा हो, तब ऐन्टिमोनियम टार्ट (Antimonium Tart) का प्रयोग किया जाता है।
यह सामग्री सिर्फ शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए।